शहर की सड़कों पर पसरा सन्नाटा, चट्टी-चौराहों पर सियापा
जागरण संवाददाता मऊ कोविड-19 वायरस के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ने के लिए तैयार बैठी आव
जागरण संवाददाता, मऊ : कोविड-19 वायरस के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ने के लिए तैयार बैठी आवाम जब स्वयं लाकडाउन लगाने को तैयार हो जाए तो लाकडाउन कैसा हो सकता है, इसका नजारा साप्ताहिक लाकडाउन के पहले दिन शहर से लेकर गांव की गलियों और चट्टी-चौराहों तक साफ-साफ दिखा। शहरी क्षेत्र में अधिकांश लोगों की जिदगी घर से सहन तक सिमट कर रह गई तो गांवों में खेत-खलिहान के काम छोड़ दें तो कोई चट्टी-चौराहों की तरफ झांकने भी नहीं गया। हाईवे से लेकर ग्रामीण इलाकों की सड़कों तक कहीं पुलिस की कोई खास टोका-टोकी नजर नहीं आई, बावजूद इसके लोगों ने इस तरह खुद को संभाला कि बाजारों में सिर्फ सन्नाटे नजर आए।
शहर का सबसे व्यस्त रहने वाला इलाका सहादतपुरा हो, सदर चौक, औरंगाबाद, मिर्जाहादीपुरा, भीटी या गाजीपुर तिराहा सन्नाटे का वजन हर तरफ एक ही जैसा था। रह-रह कर सन्नाटा टूटता था तो वह या तो सरकारी वाहनों या एंबुलेंस की आवाज से। पुलिस के अधिकारी वाहनों से ही इस बार के लाकडाउन में चक्रमण करते रहे। किसी स्थान पर डंडा भांजने की नौबत नहीं आई। शहर के मुहल्लों के अंदर भी हाईवे पर पसरे सन्नाटे की तरह का ही सन्नाटा दिखा। पंचायत चुनाव से जुड़े वाहनों, अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस के वाहनों के अलावा दूसरे वाहन सड़कों पर नहीं नजर आए। आम जन में से सड़कों पर बेहद जरूरी होने पर खासकर दवाओं एवं मरीजों के मामले में ही लोग घरों से बाहर निकले और बाजारों में दुकानें न खुली मिलने पर भटकते दिखे। जिलाधिकारी अमित सिंह बंसल एवं पुलिस अधीक्षक सुशील घुले ने कई स्थानों पर वाहनों से साप्ताहिक लाकडाउन का जायजा लिया और मातहतों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इनसेट :
लोगों के सिर चढ़ता जा रहा कोरोना का डर
कोविड-19 के चपेट में आकर मरते लोगों के बढ़ते आंकड़े हर आम और खास को भयभीत करने लगे हैं। साप्ताहिक लाकडाउन शुरू होने के पहले से भी बाजारों की भीड़ को छोड़ दें तो लोगों ने अपने घूमने-फिरने का दायरा छोटा करना शुरू कर दिया था। यही वजह थी कि रविवार को प्रदेश सरकार की ओर से घोषित लाकडाउन को हर क्षेत्र की जनता ने अपना पूरा समर्थन दिया। इनसेट :
बच्चों पर चला अभिभावकों का चाबुक
पुलिस से ज्यादा कमान अबकी अभिभावकों ने संभाला। यदि मुहल्ले से कोई किशोर या युवक तफरी करने के इरादे से निकलना भी चाहा तो बड़ों ने उन्हें वहीं समझा-बुझा लिया। सबका यही कहना था कि यह साप्ताहिक लाकडाउन हमारी सुरक्षा के लिए लगाया गया है। आपके ही घूमने से हम सभी की सुरक्षा और स्वास्थ्य को खतरा है। जनता की आपसी रोका-टोकी का नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण क्षेत्र के चट्टी चौराहों पर भी किसी ने जाने की हिमाकत नहीं की। इनसेट :
खोलने की आजादी के बावजूद दवा की अधिकांश दुकानें रहीं बंद
आकस्मिक परिस्थितियों में काम आने वाली सेवाओं को नहीं रोका गया था, लेकिन शहर की अधिकांश दवा की दुकानें रविवार को बंद थीं। जिला अस्पताल के सामने कुछ दवा की दुकानों को छोड़ दिया जाए तो सहादतपुरा में स्थित आजमगढ़ मोड़ एवं जिला महिला अस्पताल के आस-पास के लगभग सभी मेडिकल हाल बंद थे। इस दौरान लोगों को कुछ लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।