नेपाल ने छोड़ा पानी, चौथी बार घाघरा लाल निशान पार
जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) मैदानी इलाकों सहित पहाड़ों पर मूसलधार बारिश हो रह
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : मैदानी इलाकों सहित पहाड़ों पर मूसलधार बारिश हो रही है। इस बीच दो दिन पूर्व नेपाल द्वारा छोड़े गए 2.48 लाख क्यूसेक पानी से एक बार फिर घाघरा उफना गई। शुक्रवार की भोर से ही जलस्तर में शुरू हुई बढ़ोत्तरी देर शाम तक जारी रही। नदी शुक्रवार को अलसुबह आठ बजे ही गौरीशंकर घाट पर बने लाल निशान पर आ गई। शाम चार बजे तक जलस्तर खतरा बिदु से 20 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। चौथी बार घाघरा के लाल निशान पार करने से एक बार फिर बाढ़ का पानी निचले इलाकों में फैलने लगा। लगातार घटते-बढ़ते जलस्तर को लेकर लोगों में दहशत मच गई है।
घाघरा नदी चौथी बार लाल निशान को पार कर गई। इससे निचले इलाकों में तबाही का मंजर शुरू हो गया है। घटते-बढ़ते जलस्तर से नवली के समीप घाघरा कटान कर रही है। ठोकर नंबर एक पर नदी का दबाव बना हुआ है। इससे कृषि योग्य भूमि नदी में कटता जा रहा है। घाघरा की उफनती लहरें घाघरा पुल के वन क्षेत्र को लील रही हैं। नदवा ताल, पतनई ताल, पाऊस ताल, कोरौली ताल सहित आधा दर्जन तालों में पानी ऊपर से बह रहा है। इससे फसलें जलमग्न हो गई हैं। बांध का रेगुलेटर बंद है। बरसात का पानी जगह-जगह जाम है। इससे किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। घाघरा के तलहटी की फसल 20 दिन से बाढ़ के पानी में डूबने के कारण सड़ गई हैं। गन्ने की फसल मात्र बची हुई है। वह भी पानी में डूबी हुई है। अगर पानी कम नहीं हुआ तो वह भी पीला पड़ जाएगा। घाघरा के पानी से नवली, लामी, हरदौली, नई बाजार, रामपुर, धनौली, बीबीपुर, ताहिरपुर, गोधनी, गौरीडीह, पुरमोती, बेलौली, बड़कीबारी, आश्रम रसूलपुर आदि दर्जनों गांव की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न होकर नष्ट हो चुकी है। प्रशासन द्वारा किसानों की सुधि नहीं ली जा रही है।
घाघरा का जलस्तर
अवराडांड प्रात: 8:00 बजे 70.86, 12:00 बजे 70.98, 4:00 बजे 71.10 मीटर : खतरा बिदु 70.40 मीटर।
गौरीशंकर घाट : प्रात: 8:00 बजे 69.90, 12:00 बजे 69.98, 4:00 बजे 70.10 मीटर : खतरा बिदु 69.90 मीटर।