अवराडांड में सरयू लाल निशान के पार
जागरण संवाददाता मऊ पड़ोसी देश नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने से जनपद के उत्तरी छोर प
जागरण संवाददाता, मऊ : पड़ोसी देश नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने से जनपद के उत्तरी छोर पर बह रही सरयू नदी कहर बरपा रही है। शुक्रवार को आजमगढ़-मऊ बार्डर पर अवराडांड में सरयू नदी लाल निशान पार कर गई। नदी में लगातार बढ़ते उफान के चलते निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। अभी तक दोहरीघाट व मधुबन के लगभग 150 एकड़ कृषि योग्य भूमि बाढ़ के पानी से पूरी तरह डूब चुकी है। शुक्रवार को भी नेपाल द्वारा छोड़े गए 3.12 लाख क्यूसेक पानी से दो दिनों तक लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी के संकेत हैं। इससे दोहरीघाट व मधुबन के कई दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। उधर बाढ़ के हालात को देखते हुए सिचाई विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। देर रात तक दोहरीघाट के गौरीशंकर घाट व मधुबन के हाहानाला पर भी नदी के लाल निशान पार कर जाने की आशंका है।
दोहरीघाट : सरयू का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के बहादुरपुर, पतनई, बीबीपुर बंधा के नीचे, बेलौली गांव के उत्तर, रसूलपुर, सूरजपुर का पूर्वी इलाका, लोहड़ा देवारा, नवली देवारा की लगभग 100 एकड़ भूमि पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है। नदी श्मशान घाट पर भयंकर बैक रोलिग कर रही है। इससे कटान का खतरा बढ़ता जा रहा है। साथ ही नागा बाबा की कुटी, श्मशान घाट, भारत माता मंदिर, जोमराज का घर, वृद्धाश्रम स्थल, खाकी बाबा की समाधि, जानकी घाट, डीह बाबा मंदिर, शाही मस्जिद, पशु आश्रय केंद्र आदि संवेदनशील स्थल सरयू के निशाने पर है। सिचाई विभाग ने लगभग 30 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाकर नदी से कटान का स्थायी प्रबंध किया गया, फिर भी नदी जगह-जगह कटान करने को उतारू है। बैक रोलिग के चलते श्मशान घाट संवेदनशील बना हुआ है। इसके अलावा नवली गांव के पास नदी की लहरें टकरा रही हैं। इससे कटान की संभावना बढ़ गई है। साथ ही बीबीपुर, बेलौली, रसूलपुर, सूरजपुर, नूरुल्लाहपुर सहित दर्जनों स्थानों पर सरजू नदी का दबाव बढ़ गया है। सूरजपुर में राम जानकी मंदिर के पूरब तरफ कृषि योग्य भूमि काटने को उतारू है। सिचाई विभाग सूरजपुर में कटान को रोकने के लिए प्रोजेक्ट बना था लेकिन प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ।
सरयू नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ को लेकर दहशत
मधुबन : सरयू नदी का जलस्तर अत्यंत तेजी से बढ़ रहा है और कभी भी हाहानाला पर खतरे के निशान को पार कर सकता है। अब तो नदी का पानी किनारे स्थित खेतों में भी फैलने लगा है। यही वजह है कि इन दिनों मधुबन तहसील क्षेत्र के देवारा में सरयू नदी के किनारे बसे विदटोलिया, खैरा देवारा, बैरीकंटा, जरलहवा सहित एक दर्जन से अधिक गांवों में दहशत है। अधिक चितित तो सरयू नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसे विदटोलिया गांव के लोग हैं। क्योंकि यदि बाढ़ आई तो इसके शिकार सबसे पहले इसी गांव के लोग होंगे। शुक्रवार की सुबह गांव के दर्जनों लोगों के खेत नदी के पानी से जलमग्न हो गए। गांव के रामलाल, अजय, रामजीत, देऊ, भूपेंद्र, गोरख आदि ने बताया कि अब तो बाढ़ से बचना मुश्किल है। खेतों में जिस तेजी से पानी फैल रहा है, उससे तो कभी भी हालात बेकाबू हो सकते हैं। ऐसे में घरों के जरूरी सामान को समेटने में लगे हैं। गांव के कई परिवार तो किसी सुरक्षित जगह पर जाने की तैयारी भी कर चुके हैं। अधिक चितित तो नदी के कटान से अपना आशियाना खोकर गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में पनाह लिए रामजीत, रामदेव, राधे, चंद्रशेखर, लाली आदि के परिवार के लोग हैं। घर को नदी में विलीन होता देख पनाह लेने को विद्यालय में आए, अब बाढ़ आती है तो फिर विद्यालय छोड़ कहां जाएंगे। प्वाइंटर--
खतरा बिदु-जलस्तर (मीटर में)
अवराड़ांड - 70.40 - 70.62
गौरीशंकर घाट - 69.90 - 69.88
हाहानाला - 66.31 - 65.50 गौरीशंकर घाट पर जलस्तर--
सुबह आठ बजे - 69.82
दोपहर 12 बजे - 69.85
शाम चार बजे - 69.88
नदी के जलस्तर पर विभाग की निगाह लगी हुई है। विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। हर स्थिति से निबटने की तैयारी मुकम्मल है। जहां कहीं भी कोई दिक्कत होगी, राहत कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
- विरेंद्र पासवान, अधिशासी अभियंता सिचाई विभाग।