अपने अस्तित्व को संघर्ष कर रहा सीताकुंड
नगर के बीचो-बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे तहसील मुख्यालय के समीप 2.1
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : नगर के बीचों-बीच राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे तहसील मुख्यालय के समीप 2.1870 हेक्टेयर में फैले सीता कुंड के गर्भ में तमाम रहस्य समाए हैं। विडंबना यह कि यह कुंड डेढ़ दशक से अतिक्रमण से कराह रहा है। दुखद यह कि अतिक्रमण के चलते सिकुड़ते कुंड को लेकर संघर्ष कर रहे चेहरे आज प्रदेश से लेकर केंद्र तक सत्ता से जुड़े हैं पर मौन हैं। उपेक्षा का आलम यह कि जलकुंभी से पटे इस कुंड का पानी अब काला हो गया है।
सीता कुंड का आकार प्रतिवर्ष घटता जा रहा है। सीताकुंड की पौराणिक एवं धार्मिक महत्ता के साथ ही तमाम किवदंती एवं कथाएं प्रचलित हैं। इस कुंड के किनारे एक नहीं वरन दो सभ्यताएं पुष्पित और पल्लवित हुई हैं। इसका रकबा राजस्व अभिलेख में भले ही 2.1870 हेक्टेयर अंकित है पर मौके पर कुंड काफी सिकुड़ गया है। इसके पश्चिमी किनारे सर्वाधिक अतिक्रमण हुआ है। खड़े आलीशान भवन भले ही ध्वस्त न हों पर इसके शेष वजूद को न बचाया गया तो इसका आकार दिनोंदिन घटने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बीते वर्षो में वर्तमान विधायक एवं तत्कालीन मंत्री फागू चौहान, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष गायत्री जायसवाल, वर्तमान चेयरमैन वसीम एकबाल चुन्नू एवं तत्कालीन अधिशासी अधिकारी के संयुक्त प्रयास से इसके सुंदरीकरण से काफी हद तक संरक्षण हुआ है। उत्तरी एवं पूर्वी दिशा से अतिक्रमण की संभावना समाप्त हो गई है। कुंड में नाबदान के गंदे पानी गिरने से जल प्रदूषित हो रहा है। एक दशक से कुंड के हर भाग पर जलकुंभी का पहरा है। बीते वर्षों में स्थानीय नागरिकों एवं नगर पंचायत के संयुक्त प्रयास से इसकी सफाई होता रही है पर इस बार तो छठ पर्व के मद्देनजर घाट के समीप से जलकुंभी हटाकर औपचारिकता पूरी की गई। हाल यह कि जिस कुंड में कभी स्नान करने से चर्मरोग दूर होते थे, उस कुंड का जल अब विभिन्न चर्मरोगों का सबब बन सकता है। कुंड के सिकुड़ते आकार को लेकर पैमाइश के लिए कभी निवर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा नेता जयप्रकाश सिंह, अनिरुद्ध सिंह, डा. नागेन्द्र सिंह, डा. जयशंकर प्रसाद, खेदू प्रसाद मौर्य, वरूण दूबे, भानुप्रताप सिंह, डा. ब्रजेश यादव, लक्ष्मी प्रसाद गुप्त, कृपाशंकर सिंह, अजय एवं जितेंद्र पटवा सहित भाजपा युवा मोर्चा के जिला मंत्री नागेंद्र मद्धेशिया जीतू ने कई बार ज्ञापन सौंपा पर अब जबकि यह सभी लोग सत्ता से जुड़े हैं, लगभग मौन हैं।