प्राइमरी स्कूलों में मोबाइल फोन पर लगा बैन
शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बीएसए ने लिया निर्णय - शिक्षण अवधि के दौरान शिक्षक सिर्फ टीएलएम के लिए कर सकते हैं प्रयोग - निरीक्षण के दौरान फेसबुक, यू-ट्यूब चलाते पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई
जागरण संवाददाता, मऊ : जिले के परिषदीय विद्यालयों में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता की दयनीय दशा में सुधार के लिए जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए प्राइमरी स्कूलों में शिक्षण अवधि के दौरान अनावश्यक मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर बैन लगा दिया है। अपने इस फरमान से बेसिक शिक्षा अधिकारी ने जिलाधिकारी और सूबे के बेसिक शिक्षा निदेशक को भी अवगत करा दिया है। शिक्षण अवधि के दौरान मोबाइल फोन पर अनावश्यक चै¨टग करते हुए पकड़े जाने पर यह कृत्य अनुशासनहीनता माना जाएगा और संबंधित शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बीएसए के इस निर्णय से प्राथमिक शिक्षकों में खलबली मची हुई है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी का कहना है कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कुछ शिक्षक एवं शिक्षिकाएं शिक्षण अवधि में पाठ्ययोजना क अनुरूप शिक्षण कार्य करने की बजाय व्हाट्सएप, फेसबुक जैसी सोशल साइटों पर ही व्यस्त रहते थे। इससे विद्यार्थियों के सीखने व अध्यापन अवधि में व्यवधान उत्पन्न होता है। जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों के शिक्षण अवधि के दौरान मोबाइल का प्रयोग न किए जाने का आदेश जारी करते हुए बीएसए ने इसका कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। अपने निर्देश में उन्होंने यह भी कहा है कि यदि कोई शिक्षक शिक्षण अवधि में शिक्षण कार्य से विरत रहकर अनावश्यक रूप से मोबाइल फोन का प्रयोग करता पाया जाएगा तो उक्त कृत्य को अनुशासनहीनता मानकर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बीएसए ने अपने निर्देश में यह भी कहा है कि शिक्षक शिक्षण को सुगम बनाने के लिए शिक्षण अवधि में मोबाइल को केवल टीएलएम के रूप में इस्तेमाल कर सकेगा। इनसेट :
11 में से 11 नहीं लिख पाए अपना नाम
मऊ : बेसिक शिक्षा अधिकारी ने गुरुवार को रतनपुरा शिक्षा क्षेत्र के तरवांडीह का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि प्रधानाध्यापक सहित स्कूल में कुल तीन शिक्षक मौजूद हैं। विद्यालय में कुल 11 बच्चे उपस्थित थे। इन 11 छात्रों में से कोई छात्र अपना नाम तक नहीं लिख पाया। इस पर उन्होंने प्रधानाध्यापक को निलंबित कर दो शिक्षकों की वेतनवृद्धि रोक दी थी। बीएसए ओपी त्रिपाठी ने बताया कि मोबाइल फोन से जुड़ी शिक्षकों की काफी शिकायतें मिल रही थीं। निरीक्षण के दौरान छात्रों ने भी बताया कि गुरुजी केवल मोबाइल फोन में ही कुछ देखते, लिखते-पढ़ते रहते हैं। इससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है।