पुलिस मुठभेड़ का तीसरी बार गवाह बना मधुबन
स्थानीय थाना क्षेत्र के बिदटोलिया में सोमवार को पुलिस मुठभेड़ के बाद तीसरी बार मधुबन की धरती पुलिस-अपराधी मुठभेड़ का गवाह बनी है। इसके पहले सन 19
विनय मिश्र 'राना' मधुबन (मऊ) :
स्थानीय थाना क्षेत्र के बिदटोलिया में सोमवार को पुलिस मुठभेड़ के बाद तीसरी बार मधुबन की धरती पुलिस-अपराधी मुठभेड़ का गवाह बनी है। इसके पहले वर्ष 1989 में पप्पू मल्ल व 2002 में रग्घू चौहान और तेजनरायन चौहान पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे।
थाना क्षेत्र के बिदटोलिया में पुलिस मुठभेड़ में बदमाश के ढेर होने के बाद पूर्व में हुईं मुठभेड़ की घटनाएं ताजा हो गई हैं। कटघरा शंकर निवासी पप्पू मल्ल के साथ क्षेत्र के तालरतोय में सन 1989 में पुलिस की मुठभेड़ हुई थी, जिसमें पप्पू मारा गया था। इसके बाद क्षेत्र के नंदौर में वर्ष 2002 के मई माह में पुलिस और बदमाशों के बीच हुए मुठभेड़ में नई बस्ती जुबानी निवासी तेजनरायन चौहान और सिसवा देवारा निवासी रग्घू चौहान ढेर हुए थे। पुलिस वाहन के हूटर से गूंजता रहा क्षेत्र
क्षेत्र में दोपहर में लगभग 12.30 बजे अचानक बड़ी संख्या में हूटर बजाते पुलिस के वाहनों के गुजरने और देवारा की तरफ जाने से लोगों में किसी अनहोनी की आशंका घर कर गई। लोग अपने अपने स्तर से पुलिस के मूवमेंट के कारण का पता लगाने में जुट गए। लोगों को जब पता चला कि बिदटोलिया में लगभग 25 मिनट तक बदमाशों और पुलिस के बीच चली मुठभेड़ हुई है और इसमें एक शातिर बदमाश घायल हुआ है, तब जाकर लोगों की जिज्ञासा शांत हुई। काफी देर तक ठप रहा आवागमन
बदमाशों का पीछा करते हुए पुलिस जब बिदटोलिया पहुंची और बदमाश फायरिग करने लगे और जवाब में पुलिस भी फायरिग करने लगी। उस दौरान एहतियात के तौर पर लगभग एक घंटे तक पुलिस ने ग्रामीणों के आवागमन पर रोक लगा दिया था। सनद रहे कि मुठभेड़ स्थल के बगल से ही बरहज देवरिया के लिए मार्ग गुजरता है। घनघनाते रहे फोन
देवारा की तरफ बदमाशों के भागने और पुलिस द्वारा उनका पीछा करने की खबर वायरल होते ही हर कोई मीडिया कर्मियों को फोन करके घटना की जानकारी प्राप्त करने के प्रयास में लगा रहा।