दुर्गम मार्गों को सुगम होने में लंबा इंतजार
जागरण संवाददाता मऊ जनपद में आधा दर्जन से अधिक सड़क निर्माण और मरम्मत की बाट जोह रही
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में आधा दर्जन से अधिक सड़क निर्माण और मरम्मत की बाट जोह रही है। फोरलेन के चालू होने के बाद से लोगों को उम्मीद जगी थी कि अब इन ग्रामीण सड़कों की हालत में भी सुधार होगा, लेकिन अभी इन सड़कों के निर्माण की मंजूरी नहीं मिलने और नई तकनीकी के कारण लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि अगले सप्ताह विभाग की शासन स्तर की बैठक प्रस्तावित है। इसमें सभी मार्गों के निर्माण की मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह भी कहा जा रहा है कि अनुमति नहीं मिलने की स्थिति में आचार संहिता लगने से इन मार्गों के सुगम होने के लिए इंतजार के दिनों और इजाफा हो सकता है।
प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद शासन की तरफ से आदेशित किया गया कि नवंबर माह तक सभी मार्गों को निर्माण और मरम्मत का कार्य पूरा कर लिया जाए। अवधि नजदीक आने के बाद भी अभी तक इन मार्गों के निर्माण की अंतिम पहल नहीं हो पाई है। जनपद से शासन को जिन सड़कों की सूची भेजी थी, उसमें अभी तक एक भी मार्ग का डीपीआर पूर्ण नहीं हो पाया है। पिछले दिनों दो सड़कों को डीपीआर बना था लेकिन स्टेट टेक्निकल असिस्टेंट ने उसमें कमी बताते हुए खारिज कर दिया है। जबकि आधा दर्जन सड़कों की स्टेट से डीपीआर ही नहीं बन पाया है।
इन सड़कों की होनी है मरम्मत
बरलाई से पूराघाट, रतनपुरा से भीमपुरा, बनगांवा से पीढ़वल, मुहम्मदाबाद से जीयनपुर, करहां से जहानागंज, हलधलपुर से अइलख, मऊ से इटौरा, इटौरा से सरसेना।
नई तकनीकी से होगा कार्य
इन सभी मार्गों के निर्माण के लिए नई तकनीकी एफडीआर (फुल डेफ्थ रेक्लेनेशन) से किया जाएगा। इस तकनीकी में सड़क के निर्माण में अलग से बोल्डर का प्रयोग नहीं किया जाता है। अत्याधुनिक मशीनों से उस सड़क को उखाड़कर कंक्रीट से बनाया जाता है, जिससे सड़क के निचले हिस्से की टूटने की संभावना कम हो जाती है।
अभी पूरे प्रदेश में कुल 146 सड़कों के पुर्ननिर्माण की स्वीकृति होनी है। इसमें मऊ जनपद की भी सड़के है। आगामी दिनों में बैठक प्रस्तावित है। उम्मीद है दिसंबर माह में इसकी अनुमति मिल जाएगी।
- जीडी पाठक, स्टेट टेक्निकल आफिसर
स्टेट से दो सड़क का डीपीआर मिला था, लेकिन वह अपूर्ण था। इस बाबत स्टेट को सूचित कर दिया गया है। अभी अन्य किसी भी मार्ग का डीपीआर नहीं मिला है। मिलते ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
- अरूण कुमार वर्मा, अधिशासी अभियंता, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग