हनुमान जी को दलित कहने पर सीएम योगी के खिलाफ मामला अदालत तक पहुंचा
मऊ जिले के भगवानपुर निवासी नवल किशोर शर्मा ने हनुमानजी की जाति बताने के प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है।
मऊ, जेएनएन। बजरंग बली की जाति बताने का मुद्दा अब मऊ अदालत तक पहुंच गया है। दोहरीघाट कस्बा के मुहल्ला भगवानपुरा निवासी नवल किशोर शर्मा ने इस मामले में मुख्यमंत्री के विरुद्ध स्थानीय सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया है। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले सीएम योगी ने हनुमान जी को दलित कहकर इस मामले को हवा दी। इसके बाद पवन पुत्र, केसरीनंदन, अंजनी पुत्र, बजरंगबली, रामभक्त हनुमान की जाति बताने वालों की फहरिस्त लंबी होती चली गई। एक एमएलसी ने तो उनका धर्म ही बदल दिया।
बताए गए हनुमानजी की जाति-धर्म
- दलित----यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ
- आर्य---- केंद्रीय मंत्री सत्यपाल चौधरी
- जनजाति---आयोग अध्यक्ष नंद किशोर
- जाट------यूपी मिनिस्टर लक्ष्मी नारायण
- मुसलमान---एमएलसी बुक्कल नवाब
- खिलाड़ी-----यूपी मिनिस्टर चेतन चौहान
- त्यागी ----- रालोद नेता प्रहलाद त्यागी
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप
पेशे से अधिवक्ता शर्मा का कहना है कि बीते नवंबर में राजस्थान की चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने बजरंग बली को दलित जाति का बताया था। इससे उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक को भी पत्र लिखकर मुकदमा दर्ज करने की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री के लखनऊ आवास के पते पर कानूनी नोटिस भी भेजी थी। कोई कार्रवाई न होने और नोटिस का जवाब न मिलने पर उन्होंने अदालत की शरण ली। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट लोकेश नागर ने उनकी याचिका पर उनका बयान लेने के लिए 25 जनवरी की तिथि नियत की है।