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खुले नाले में गिरकर मासूम की मौत, चक्काजाम

जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) कस्बा अंतर्गत रेलवे स्टेशन रोड निवासी कन्हैया सोनकर के

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 04:26 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 04:26 PM (IST)
खुले नाले में गिरकर मासूम की मौत, चक्काजाम
खुले नाले में गिरकर मासूम की मौत, चक्काजाम

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : कस्बा अंतर्गत रेलवे स्टेशन रोड निवासी कन्हैया सोनकर के डेढ़ वर्षीय मासूम की गुरुवार की सुबह नौ बजे घर के सामने खेलते समय खुले नाले में गिरकर मौत हो गई। इससे स्वजन में कोहराम मच गया। इससे गुस्साए नगरवासियों ने नगर प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए वाराणसी-गोरखपुर राजमार्ग स्थित पुलिस बूथ के सामने चक्काजाम कर दिया। करीब आधी घंटे तक राजमार्ग के दोनों तरफ यातायात ठप रहा। इससे वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के नगर पंचायत से बातकर नाले पर पटिया लगवाने के आश्वासन पर जाम समाप्त हुआ।

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रेलवे स्टेशन रोड पर लगभग पांच फीट गहरा बड़ा नाला वर्षों से खुला हुआ है। गुरुवार की सुबह कन्हैया सोनकर का डेढ़ वर्षीय पुत्र घर में ही खेल रहा था। वह खेलते-खेलते बाहर निकल आया। उसकी मां रीना सोच रही थी कि बालक खेल रहा है। करीब आधी घंटे बाद उसे अचानक बच्चे का होश आया तो वह बाहर खोजने लगी। इधर-उधर खोजने पर जब उसका पता नहीं चला तो वह लोगों से पूछताछ करने लगी। स्थानीय लोगों ने भी इधर-उधर ढूंढा पर वह नहीं मिला। इतने में किसी ने बताया कि नाले में देखा जाए। लोग नाले में खोजने लगे। ठीक घर के सामने गहरे नाले में उसे मृत पाया गया। यह देख मां रीना बेहोश हो गई। वहीं पिता कन्हैया का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। लोग बच्चे को उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दोहरीघाट ले आए। यहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसका पता लगते ही नगरवासी आक्रोशित हो गए। आक्रोशित लोगों ने पुलिस बूथ के सामने जाम लगा दिया। वे मासूम की मृत्यु के लिए नगर प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे।

कन्हैया सोनकर की तीन पुत्रियां हैं। मां रीना कह रही थी कि काफी मन्नत के बाद पुत्र पैदा हुआ था। उधर, मोहल्ले वासियों ने मौत का जिम्मेदार नगर प्रशासन को ठहराया। कहा कि नाले पर पटिया से नहीं ढ़ंकने की वजह से मासूम की नाले में गिरकर मौत हुई है। इसके लिए बार-बार नगर प्रशासन को कहा जाता रहा है। कन्हैया सोनकर ने बताया कि मेरे घर के सामने ही पूरा नाला खुला हुआ है। इसको लेकर कई बार सभासद, अधिशासी अधिकारी, चेयरमैन को नाले को ढंकने के लिए गुहार लगाता रहा लेकिन मेरी एक नहीं सुनी गई।


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