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सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न, दर्जनों मकान घिरे

जागरण संवाददाता मऊ एक तरफ भारी बारिश तो दूसरी ओर फोरलेन बाइपास निर्माण की तकनीकी

By JagranEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 06:43 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 06:43 PM (IST)
सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न, दर्जनों मकान घिरे
सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न, दर्जनों मकान घिरे

जागरण संवाददाता, मऊ : एक तरफ भारी बारिश तो दूसरी ओर फोरलेन बाइपास निर्माण की तकनीकी चूक ने हजारों किसानों और मजदूरों के परिवार का निवाला छीन लिया है। बढुआगोदाम से भदसा मानोपुर गांव तक एनएच-29 के लिए बनाए जा रहे फोरलेन बाइपास के दोनों तरफ कोपागंज के पश्चिमी इलाके में किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल जलजमाव से बर्बाद हो गई है। बर्बाद फसल को देख किसानों और मजदूरों के घर में मातम छाया हुआ है। बर्बादी के सदमे से कई किसानों की भूख-प्यास मर गई है, बावजूद इसके सरकारी अमला हाथ पर हाथ रखकर बैठा है। किसानों का दुख दर्द जानने न तो कोई जनप्रतिनिधि पहुंच रहा है और न ही कोई सरकारी अधिकारी।

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कोपागंज के पश्चिमी और उत्तरी तरफ काछीकला, हिकमा, भदसा मानोपुर, इटौरा डोरीपुर तथा मुरारपुर के किसानों के खेत हैं। इन्हीं गांवों से होकर फोरलेन बाइपास भी गुजरा है। इन गांवों के चंद्रभान चौहान, महेंद्र चौहान, कन्हैया चौहान, कमलाकांत त्रिपाठी, रामचंद्र त्रिपाठी, संदीप कुमार त्रिपाठी, डा.उमाकांत तिवारी, खुशिहाल चौहान, पूर्व ग्राम प्रधान भदसा रामचंद्र राय आदि का कहना है कि फोरलेन बाइपास का निर्माण कार्य अभी अधूरा है। फोरलेन के निर्माण के दौरान इस निचले इलाके में जल के परंपरागत प्रवाह को बनाए रखने के लिए पुलिया की संख्या और स्थान का इंजीनियरों ने विशेष ध्यान नहीं दिया है। इस कारण थोड़ी सी भी बारिश होने पर किसानों कि सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो जा रही है। खेतों में बनाए गए कई मकान चारों तरफ पानी से घिर गए हैं। कई घरों में भी जलभराव का पानी घुस गया है। आस-पास बाढ़ जैसे हालात हैं। कई परिवारों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है। भदसा के किसान खुशिहाल चौहान एवं सुभाष यादव ने बताया कि किसान बर्बाद हैं और उनका हाल जानने न तो कोई सरकारी अधिकारी आया है और न ही कोई जनप्रतिनिधि उनकी सुधि ले रहा है। किसानों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं निकाला गया तो किसान आंदोलन को बाध्य होंगे।


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