प्रतिबंध में जमाखोरों की चांदी, गरीबों पर संकट
कोपागंज (मऊ) कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाएं गए प्रतिबंध के चलते आवश्यक वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। इसकी वजह से प्रतिबंध गरीबों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। बाजार में खाने-पीने से लेकर हर छोटी-बड़ी दुकानों पर सामग्रियों के खरीदारी के दौरान दुकानदार लॉकडाउन के नाम पर अधिक दाम वसूल रहे हैं। चाहे किराना स्टोर हो या जनरल स्टोर की दुकान लगभग सभी वस्तुओं के दामों में वृद्धि हो गई है।
जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए लगाएं गए प्रतिबंध के चलते आवश्यक वस्तुओं के दामों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है। इसकी वजह से प्रतिबंध गरीबों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। बाजार में खाने-पीने से लेकर हर छोटी-बड़ी दुकानों पर सामग्रियों के खरीदारी के दौरान दुकानदार लॉकडाउन के नाम पर अधिक दाम वसूल रहे हैं। चाहे किराना स्टोर हो या जनरल स्टोर की दुकान, लगभग सभी वस्तुओं के दामों में वृद्धि हो गई है।
बता दें कि वायरस के संक्रमण फैलने से रोकने के लिए पिछले मार्च महीने से देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगाएं जाने के बाद अचानक आवश्यक वस्तुओं और खाद्य पदार्थों की जमाखोरी बढ़ गई। इसके बाद प्रशासन हरकत में आया और आवश्यक वस्तुओं और खाद्य सामग्री पर उचित रेट निर्धारित कर दिया। यही नहीं बाजार के प्रत्येक दुकानों पर मूल्य सूची चस्पा की गई। प्रशासन के इस कार्रवाई से लोगों में काफी सराहना मिली थीं, लेकिन लॉकडाउन जैसे-जैसे बढ़ता गया, आवश्यक वस्तुओं और खाद्य पदार्थों के दामों में धीरे-धीरे वृद्धि होने लगी। आटा ,दाल, चावल, चीनी, मसाला, सरसों का तेल समेत लगभग हर छोटी-बड़ी वस्तुएं महंगी हो गई हैं। हालांकि कि दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते शहरों से पर्याप्त मात्रा में वस्तुएं नहीं आ पा रहीं हैं। इसके कारण वस्तुओं के दामों में वृद्धि करना उनकी मजबूरी भी है। बहरहाल आवश्यक वस्तुओं के महंगाई की व•ाह जो भी हो लेकिन लॉकडाउन के दौरान जमाखोरों और मुनाफाखोरों की तो जमकर चांदी कट रहीं है। लॉकडाउन के नाम पर गरीब आदमी मारा जा रहा है। लाकडाउन के नाम पर आवश्यक वस्तुओं को महंगे दामों पर बेचे जाने पर जिला प्रशासन कोई अंकुश नहीं लगा पा रहा है। यदि प्रतिबंध इसी तरह से चलता रहा तो स्थिति भयावह हो सकती है।