मुख्तार अंसारी के मामले में हाईकोर्ट का त्वरित कार्रवाई का निर्देश
जासं मऊ हैबियस कारपस यानि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर उच्च न्यायालय ने एमपी-एमएलए कोर्ट
जासं, मऊ : 'हैबियस कारपस' यानि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर उच्च न्यायालय ने एमपी-एमएलए कोर्ट को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उच्च न्यायालय ने निर्देशित किया है कि मुख्तार अंसारी के गैंगस्टर प्रकरण का छह सप्ताह के अंदर निस्तारण किया जाए। उच्च न्यायालय द्वारा छह सप्ताह के अंदर गैंगस्टर मामले का निस्तारण करने के निर्देश पर सदर विधायक मुख्तार अंसारी की तरफ से उनके अधिवक्ता ने एमपी-एमएलए कोर्ट दिनेश चौरसिया की विशेष अदालत में उक्त आदेश के साथ आवेदन प्रस्तुत किया। इस पर उच्च न्यायालय ने नियत तिथि पर प्रस्तुत करने का आदेश दिया।
सदर विधायक मुख्तार अंसारी के वकील दारोगा सिंह ने बताया कि मुख्तार अंसारी की तरफ से एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका उच्च न्यायालय में दी गई थी। इसमें कहा गया है कि आरोपित मुख्तार अंसारी नौ सितंबर 2011 से दक्षिणटोला थाने के गैंगस्टर मामले में जेल में निरुद्ध हैं। जबकि इस मामले में 10 साल की अधिकतम सजा होती है। उससे ज्यादा समय से आरोपित मुख्तार अंसारी जेल में हैं। उनकी तरफ से यह उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है। इस पर उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने अधीनस्थ अदालत में उक्त बातों का हवाला देकर आवेदन करने का सुझाव दिया और अदालत को निर्देश दिया कि आवेदन पर सुनवाई कर यदि बंदी के विशेषाधिकार का हनन हो रहा है तो उस पर उचित कार्रवाई करें और छह सप्ताह के अंदर मुकदमे का निस्तारण करें।
शांतिभंग में 300 लोगों को किया जा चुका है पाबंद
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : दोहरीघाट पुलिस ने अब तक 3000 लोगों को चिह्नित कर शांति भंग की धारा में पाबंद किया गया है। 140 व्यक्तियों के खिलाफ 110बी के अंतर्गत कार्रवाई की गई है। नौ व्यक्तियों के विरुद्ध गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई है विधानसभा का चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से कराने के लिए वाहनों की चेकिग, दर्जन गाड़ियों का ब्लैक शीशा उतरवाया गया है।