ग्रामसभाओं के गठन के बाद भी ठेकेदार करा रहे पंचायत भवनों का निर्माण
कोपागंज ब्लाक के तीन दर्जन से भी अधिक गांवों में अभी भी पंच
जागरण संवाददाता, पुराघाट (मऊ) : कोपागंज ब्लाक के तीन दर्जन से भी अधिक गांवों में अभी भी पंचायत भवन से लेकर शौचालय का निर्माण पंचायत के गठन के बाद भी ठेकेदार ही करा रहे हैं। निर्माण का काम 15 वें वित्त व मनरेगा से कराने के लिए आदेशित किया गया है, जबकि ब्लाक अधिकारी नियमों को दरकिनार कर निर्माण कार्य ठीकेदार से करा इस्टीमेट अधिक बनाकर सरकारी धन का बंदरबाट कर रहे हैं। पंचायत के भंग होने के बाद ही गांवों में पंचायत भवन और शौचालय का निर्माण तेजी से किया गया। कुछ जगहों पर प्रधानों के हस्तक्षेप के बाद से काम को रोक दिया गया लेकिन अधिकतर गांवों में अभी भी जाब कार्डधारकों के बजाय मजदूरों से ही कार्य कराया जा रहा है।
ब्लाक के चिस्तीपुर, सोडसर, शेखवलिया, चौबेपुर, सरवा गरीबपुर सहित तीन दर्जन से अधिक जगहों पर ठीकेदारों द्वारा पंचायत भवन का निर्माण कराया जा रहा है। जबकि यह कार्य प्रधानों द्वारा कराया जाना है। पंचायत भवन का निर्माण 15 वे वित्त एवं मनरेगा से कराया जाना है। जहां 15 वे वित्त का बजट नहीं है, वहां मनरेगा से ही कार्य कराया जाना है। 26 दिसंबर को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मद्देनजर ग्राम सभाओं को भंग कर दिया गया और सभी अधिकार एडीओ पंचायत (प्रशासक) एवं सचिव के हाथ में आ गया। तभी से ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण के लिए ठीकेदारी प्रथा चालू हो गयी। कई जगहों पर घटिया निर्माण को लेकर विरोध भी हुआ, लेकिन मामला ठंडा हो गया। जिस ग्राम सभाओं में निर्माण कार्य कराया जा रहा था। अभी वहां कार्य बंद है। ग्राम प्रधानों द्वारा पूछे जाने पर ब्लाक से सही जवाब नही दिया जा रहा है। इससे प्रधानों में नाराजगी हैं कि मनरेगा द्वारा कार्य कराया जाना है जिसकी जानकारी उनको ब्लाक से नहीं दी जा रही है। पंचायतों के भंग होने के कारण कुछ गांवों में कार्य कराया गया है, लेकिन अब प्रधानों के माध्यम से ही कार्य कराया जाएगा।
- शीत सिंह, एडीओ पंचायत कोपागंज ब्लाक सरकार की महत्वपूर्ण योजना में शामिल पंचायत भवन का निर्माण 15वे वित्त एवं मनरेगा के संयुक्त बजट से करना है। जहां पर 15वें वित्त का बजट नही है, वहां पर मनरेगा से कार्य कराया जाना है। पंचायत भवन के निर्माण के लिए 17 लाख 50 हजार का बजट पास किया गया है। 77 ग्राम सभाओं में 38 ग्राम सभाओं में आधा अधूरा कार्य हुआ है, जबकि 6 ग्राम सभाओं में जमीन उपलब्ध न होने पर अभी कोई कार्य नहीं हुआ है।