सरयू नदी में उफान से बाढ़, घरों में घुसा पानी
जागरण संवाददाता मधुबन (मऊ) स्थानीय तहसील क्षेत्र में सरयू नदी ने दूसरी बार खतरे के निशान क
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र में सरयू नदी ने दूसरी बार खतरे के निशान को पार करते हुए चक्कीमुसाडोही के साथ ही पूरे देवारा अंचल को अपनी आगोश में ले लिया है। चक्कीमुसाडोही में घरो में पानी घुसने से ग्रामीणों को देवरिया जनपद के तेलियाकलां स्थित बाढ़ राहत शिविर में भेज दिया गया है। दर्जनों गांवों के संपर्क मार्ग पानी में डूब गए हैं, जिससे आमजनजीवन की दिक्कतें बढ़ गई हैं। नाव के सहारे लोग किसी तरह दिन काट रहे हैं।
नेपाल की ओर से एक सप्ताह में लगातार दो बार पानी छोड़े जाने के बाद स्थानीय तहसील क्षेत्र में सरयू नदी उफान पर है. लगभग एक सप्ताह पूर्व हाहानाला पर सरयू का जलस्तर खतरा के निशान से 54 सेमी ऊपर 66.85 मीटर पर पहुंचने के बाद जलस्तर काफी नीचे आ गया था। इससे चक्कीमुसाडोही के ग्रामीण घरों को वापस लौट गए थे। वहीं, देवारा में भी बाढ़ की समस्या कम होने लगी थी। ग्रामीण बाढ़ से कुछ राहत महसूस कर ही रहे थे कि चार दिन बाद ही नेपाल के पानी छोड़ने के बाद रविवार को हाहानाला पर सरयू का जलस्तर एक बार फिर खतरा के निशान 66.31 मीटर को पार करके 66.54 मीटर पर पहुच गया है। इससे चक्कीमुसाडोही के दर्जनों घरो में पानी घुस गया है। वही देवारा का सारंगपुर, नुरुल्लाहपुर, सिसवा, बखरिया, विदटोलिया, खैरा, हाता, बैरीकंटा सहित छोटे-छोटे पुरवे बाढ़ बुरी तरह घिर गए हैं। पशुओं के लिए चारे का संकट उत्पन्न हो गया है। लोगों को अपने दैनिक कार्यों को निपटाने के लिए प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गईं नावें अपर्याप्त साबित हो रही हैं। परेशान ग्रामीण जान जोखिम में डालकर ट्रैक्टर-ट्राली के जरिए बाढ़ क्षेत्र से बाहर निकल रहे हैं। इनसेट में <ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--<ढ्डद्धड्ड>--
बांध पर दौरा करने तक सिमटी प्रशासनिक कवायद
सपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी राजेन्द्र मिश्र ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर प्रदेश सरकार सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा रही है। ग्रामीणों में नाव के लिए हाहाकार मचा है, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा सुनने वाला कोई नही है। राहत वितरण में भी भेदभाव किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ितों की समस्या पर समाजवादी पार्टी चुप बैठने वाली नही है। एक-एक गांव का भ्रमण कर बाढ़ पीड़ितों की समस्या से शीर्ष नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा और उनकी समस्याओं के निराकरण की कोशिश की जाएगी। इनसेट :
बाढ़ ने निचले इलाके में तबाही
दोहरीघाट : सरयू नदी के तटवर्ती निचले इलाकों में बाढ़ के पानी ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। लोहरा देवारा के किसानों की लगभग 100 एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। नवली के समीप नदी कटान कर रही है। ठोकर नंबर एक पर दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे कृषि योग्य भूमि नदी में विलीन होती जा रही है। सरयू पुल के वन क्षेत्र में भी नदी की कटान जारी है। घनघोर बारिश के चलते क्षेत्र में जल जमा हो गया है। क्षेत्र के नदवाताल, रामपुर धनौली, बीबीपुर, ताहिर पुर, गोधनी, गौरीडिह, पुरमोती, बिलौली बड़कीबारी, आश्रम, रसूलपुर क्षेत्र के दर्जनों गांवों की फसल जलमग्न होकर नष्ट हो चुकी है। जिला प्रशासन की ओर से किसानों की सुधि न लेने से उनका आक्रोश बढ़ता जा रहा है।