ग्राम पंचायतों में पहुंची राज्यवित्त की पहली खेप
वर्तमान वित्तीय वर्ष में परिसम्पत्तियों के रख-रखाव के लिए धनराशि की वाट जोह रही ग्राम पंचायतों के लिए राहत भरी खबर है। शासन ने राज्यवित्त पर लगी रोक हटा ली है। रोक हटते ही जनपद में पहली खेप उपलब्ध हो गई है। इसके साथ ही स्वच्छता व पेयजल को धार देने के लिए केंद्र सरकार के 14वें वित्त का पैसा भी आ चुका है।
जागरण संवाददाता, मऊ : वर्तमान वित्तीय वर्ष में परिसंपत्तियों के रख-रखाव के लिए धनराशि की बाट जोह रही ग्राम पंचायतों के लिए राहत भरी खबर है। शासन ने राज्यवित्त पर लगी रोक हटा ली है। रोक हटते ही जनपद में पहली खेप उपलब्ध हो गई है। इसके साथ ही स्वच्छता व पेयजल को धार देने के लिए केंद्र सरकार के 14वें वित्त का पैसा भी आ चुका है।
अब मनरेगा की तर्ज पर प्रदेश सरकार का राज्यवित्त व केंद्र सरकार का 14वें वित्त का संचालन भी हो रहा है। इसको लेकर राज्यवित्त की पूरी प्रणाली को आनलाइन कर दिया गया है। इसके लिए शासन ने रोक लगा रखी थी। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्यवित्त मद की एक फूटी कौड़ी भी ग्राम पंचायतों को नसीब नहीं हुई थी। इसका असर यह रहा कि ग्राम पंचायतों के पास धन नहीं होने के चलते विकास कार्य नहीं हो पा रहे थे। गांवों में 14वें वित्त की 53 करोड़ की पहली खेप तीन-चार माह पूर्व आई थी। ग्राम पंचायतें इसी धन से काम करा रही थी। इसी बीच राज्यवित्त की पूरी प्रणाली आनलाइन हो जाने पर शासन ने पहली किश्त भेज दी है।
प्वाइंटर--
10 करोड़ - राज्यवित्त की आई पहली किश्त
53 करोड़ - 14वें वित्त की आई दूसरी किश्त
इनसेट--
सवा सौ ग्राम पंचायतों में ऑनलाइन पेमेंट बाधित
भले ही शासन ने पारदर्शिता लाने के तहत राज्यवित्त व 14वें वित्त को आनलाइन कर दिया हो परंतु शुरुआत में इसमें कई खामियां भी उजागर हो रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों के लिए 14वें वित्त की दूसरी किश्त की धनराशि भी प्रेषित की जा चुकी है। ग्राम पंचायतों के खाते में धनराशि भी पड़ी है परंतु वे ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पा रही हैं। जनपद की कुल 675 ग्राम पंचायतों में से लगभग 125 ग्राम पंचायतों में पेमेंट नहीं हो पा रहा है। इसका कारण है आनलाइन प्रणाली में ग्राम पंचायतों का पूरा विवरण पूर्ण नहीं हो पाना। इन ग्राम पंचायतों में आनलाइन पेमेंट नहीं होने से ग्राम पंचायतें परेशान हैं। उनका कोई भी काम नहीं हो पा रहा है।
वर्जन--
ऑनलाइन प्रणाली के तहत राज्यवित्त और 14वें वित्त की धनराशि आ गई है। अब ग्राम पंचायतें पूरे मनोयोग के साथ केंद्र व प्रदेश सरकार के विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाएं। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। मानक के अनुरूप समय से काम पूरा करें।
-आलोक कुमार, मुख्य विकास अधिकारी।