दीपोत्सव के उत्साह पर पानी फिरने का भय
- प्रकाश की सजावट के बेकार होने की बनी चिता जासंमऊ मौसम के पिछले तीन दिनों से लगातार नरम रूख अपनाने का सिलसिला शुक्रवार को गंभीर बदली के रूप में छाई रही। सुबह से ही भाष्करदेव के दर्शन नहीं होने के कारण हल्की ठंड़क सभी को छूने लगी। मौजूदा समय में हिन्दू पर्व की श्रखला में धनतेरस दिपावली भैय्यादूज व डाला छठ निकट आ गया है। पर्व की तैयारियों में लगे लोगों को इस दौरान हल्की बर्षात के होने मात्र से भी त्योहार के रंग के फीका पड़ने की चिता सताने लगी है। मौसम की
जागरण संवाददाता, मऊ : मौसम के पिछले तीन दिनों से लगातार नरम रूख अपनाने का सिलसिला शुक्रवार को गंभीर रूप में बदल गया। अलसुबह से ही आसमान में काले बादल छा गए। कहीं-कहीं हल्की बूंदे भी धरती पर गिरी। सुबह से ही भाष्करदेव का दर्शन नहीं होने के कारण हल्की ठंडक सभी को छूने लगी। मौजूदा समय में हिदू पर्व की श्रंखला में धनतेरस, दीपावली, भैयादूज व डाला छठ निकट है। पर्व की तैयारियों में लगे लोगों को इस दौरान हल्की बरसात के होने मात्र से भी त्योहार के रंग के फीका पड़ने की चिता सताने लगी है।
मौसम की नरमी के चलते किसानों को धान की कटाई के अलावा आलू, सरसों, चना व मटर की बोआई के प्रभावित होने की भी चिता सताने लगी है। शुक्रवार को सुबह से ही खुलकर धूप की कौन कहे भाष्करदेव के दर्शन लोगों को नहीं हुए। इसके चलते दोपहर बाद बाइक से चलने वालों को ठंड़क ने सकते में डाल दिया, लोग रात के मौसम में ठंडक के और बढ़ने की अटकले लगाने लगे। पिछले मंगलवार की शाम से अचानक आसमान में उमड़ते-घुमड़ते बादलों के समूह ने डेरा डाल दिया जो लगातार बना हुआ है। हिदू पर्व की तैयारी में लोगों ने अपने घरों की साफ सफाई के क्रम में मंहगे दामों पर पेंट आदि की खरीद कर रंगरोगन का कार्य कराया है। इसके साथ ही पर्व पर मिठाई आदि के दुकानदार पर्याप्त मिठाई तैयार करने में दिन रात एक किए हुए है। इसी बीच मौसम के बदलाव ने सभी को सकते में डाल रखा है। इसके साथ ही अपने घरों को सुंदर व आकर्षक दिखाने के लिए सजावट के बेहतर प्रबंध किया गया है, कितु बरसात के होने से उनके फीका होने की चिता लोगों को होने लगी है।