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फोरलेन की इंजीनियरिग फेल, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न

बढुआगोदाम से भदसामानोपुर तक नये बाइपास के किनारे के कई किसान बर्बाद - हिकमा व भदसा मानोपुर कि दर्जनों किसानों के घर मातम की स्थिति - दो फुट पानी में डूब गई है दो दिन पहले ही रोपी गई धान की फसल

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 06:55 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 06:55 PM (IST)
फोरलेन की इंजीनियरिग फेल, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
फोरलेन की इंजीनियरिग फेल, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न

जागरण संवाददाता, मऊ : बढुआगोदाम से भदसा मानोपुर तक बनाए जा रहे फोरलेन बाइपास ने कई गांवों में तबाही मचाना शुरू कर दिया है। फोरलेन बाइपास की इंजीनियरिग फिलहाल सैकड़ों किसान परिवारों के लिए मुसीबत बन गई है। पानी के बहाव की स्थिति का आंकलन केवल कागजी होने के चलते फोरलेन बाइपास के आकार लेने बाद थोड़ी सी बारिश में ही सैकड़ों किसानों की फसल जलमग्न हो जा रही है। फोरलेन बाइपास के निर्माण से वर्षा जल के पारंपरिक बहाव मार्ग के अवरुद्ध होने से कोपागंज विकास खंड के हिकमा व भदसा मानोपुर गांव की सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है। किसान इसके पीछे फोरलेन बाईपास की इंजीनियरिग फेल होने को सबसे बड़ी वजह मान रहे हैं।

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हिकमा व भदसा में ज्यादातर सीमांत किसान हैं, जिनकी जोत का आकार काफी छोटा है। बढुआगोदाम से भदसामानोपुर तक बनाए गए फोरलेन बाईपास की लंबाई लगभग 22 किलोमीटर है। वहीं, हिकमा व भदसा तथा बेचिरागी मौजा मुरारपुर में फोरलेन की ऊंचाई छह से सात फुट तक है। किसानों का कहना है कि पानी के बहाव के ²ष्टिकोण से फोरलेन बाइपास में जहां-जहां पुलिया देने की आवश्यकता थी, शायद वह ठीक जगह नहीं लगी है। जिसके चलते फोरलेन बाइपास के दोनों तरफ हल्की बारिश में ही पानी जम जा रहा है। हिकमा के श्रीकांत त्रिपाठी, रामचंद्र त्रिपाठी, डा.उमाकांत, बृजेशमणि, राजेंद्र प्रसाद, रविद्रनाथ, कमलाकांत त्रिपाठी आदि की फसलें रोपे जाने के अगले ही वर्षा जल के अवरुद्ध होने से दो फुट से अधिक पानी के भीतर जलमग्न हो गई है। वहीं, भदसा मानोपुर के अरविद तिवारी, खुशीहाल चौहान, श्रीराम चौहान, सुभाष यादव, रघुनाथ चौहान आदि की फसल जलमग्न है। आलम यह है कि लॉकडाउन के दौरान हर तरह का नुकसान झेल रहे इन किसानों के परिवार में मातम का माहौल है। किसानों ने पानी के जमाव के बीच ही फोरलेन बाइपास के इंजीनियरों से सर्वे करने और पानी के बहाव के लिए उपयुक्त स्थान पर पुलिया लगाने की मांग की है।

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वर्जन ..

प्रभावित क्षेत्र का जल्द ही सर्वे कराया जाएगा। दिक्कत कहां-कहां है उसे चिन्हित किया जाएगा। फोरलेन बाइपास की वजह से जो भी समस्या होगी उसे तत्काल प्रभाव से दूर कराने का प्रयास किया जाएगा ताकि किसानों को असुविधा न झेलनी पड़े।

- अतुल वत्स, उपजिलाधिकारी सदर।


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