अतिक्रमण हटाओ अभियान, पटरी दुकानदारों का संकट बढ़ा
जागरण संवाददाता मऊ अतिक्रमण हटाओ अभियान तेज होने के साथ ही पटरी के दुकानदारों क
जागरण संवाददाता, मऊ : अतिक्रमण हटाओ अभियान तेज होने के साथ ही पटरी के दुकानदारों का संकट बढ़ गया है। सरकार पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी व पटरी दुकानदारों के जीयन-यापन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के संभावित आगमन की तैयारियों को लेकर प्रशासन की कार्रवाई इनके ऊपर कहर बनकर टूट रही है। शहर के सभी सड़कों से अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रशासन ने पटरी दुकानदारों की रोजी रोटी तो छीन ही ली साथ ही साथ उनका रोजगार भी खत्म हो गया। ऐसे में सरकार का पीएम स्वनिधि का दावा तार-तार होता नजर आ रहा है। रोजगार छिन जाने पटरी दुकानदार पूरी तरह से परेशान हैं।
कोरोना से टूट चुके फेरी लगाने वाले, रोजमर्रा के सामान बेचने वाले, अस्थाई स्टाल लगाने वाले, सब्जी, फल, चाय, पकौड़ा, ब्रेड, अंडे, कपड़े, किताब, कापी, लेखन सामग्री बेचने वाले, नाई, मोची, पान की दुकान व लाड्री वालों को सरकार अपने कारोबार के संचालन के लिए पीएम स्वनिधि योजना के तहत दस हजार रुपये ऋण मुहैया करा रही है ताकि इनका जीवन चल सके। इसके लिए जनपद में कुल 12701 लोगों का ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लक्ष्य के सापेक्ष अब तक करीब सात हजार लोगों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है। इसके तहत बीते दिनों युद्धस्तर पर शिविर लगाकर नगर पालिका व नगर पंचायतों में लोगों को ऋण प्रदान किए गए ताकि ये लोग अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींच सके।
अब ये दुकानदार पटरियों पर अपना कारोबार शुरू कर दिए थे। इस बीच मुख्यमंत्री के संभावित आगमन के मद्देनजर प्रशासन की तरफ से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। ऐसे में गाजीपुर तिराहा, आजमगढ़ मोड़, सहादतपुरा, रोडवेज, बलिया मोड़, चौक, निजामुद्दीनपुरा, भीटी, ब्रह्मस्थान सहित आदि मोहल्ले में पटरी दुकानदारों पर आफत आ गई। इस अभियान में पटरी व रेहड़ी दुकानों को उजाड़ दिया गया। इन दुकानदारों का कहना है कि अगर उनका कारोबार नहीं चलेगा तो कैसे ऋण चुकता किया जाएगा। बाटी-चोखा बनाने वाले गरीब दुकानदार कई वर्षों से पटरी पर लोगों को कम दाम में इसे उपलब्ध करा देते थे। प्रशासन ने इन्हें भी उजाड़ दिया है। पटरी दुकानदार अभय सोनकर का कहना है कि एक तरफ सरकार उन्हें रोजगार दे रही है तो दूसरी तरफ प्रशासन द्वारा उनके रोजगार को खत्म किया जा रहा है। ऐसे में उन लोगों को रोजगार देने के साथ बेमानी की जा रही है। ऐसे में उनकी रोटी भी मुश्किल हो जाएगी। --------- शहर में अतिक्रमण करने से जगह-जगह जाम उत्पन्न हो रहा था। इसकी लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में पटरी दुकानदारों को हटाया नहीं गया है। वह अतिक्रमित क्षेत्र को छोड़कर अपनी दुकान लगा सकते हैं। पटरी दुकानदारों को किसी भी प्रकार से छेड़ा नहीं गया है। वह निर्धारित स्थान व सड़क के किनारे हिस्से पर अपनी दुकान लगाएं ताकि जनता को आवागमन में परेशानी न हो। --केहरी सिंह, एडीएम