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कर्मचारी संगठन आंदोलन के लिए मजबूर

शासन से 17 सूत्रीय मांगों पर विचार न होने के कारण राज्य कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आंदोलन की रणनीति को लेकर जगह-जगह राज्य कर्मचारियों ने गेट मीटिग का आयोजन कर आंदोलन की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। शनिवार को उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय पर बैठक कर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से 21 नवंबर को मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 06:25 PM (IST)
कर्मचारी संगठन आंदोलन के लिए मजबूर
कर्मचारी संगठन आंदोलन के लिए मजबूर

जागरण संवाददाता, मऊ : शासन से 17 सूत्रीय मांगों पर विचार न होने के कारण राज्य कर्मचारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। आंदोलन की रणनीति को लेकर जगह-जगह राज्य कर्मचारियों ने गेट मीटिग का आयोजन कर आंदोलन की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है। शनिवार को उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के कार्यालय पर बैठक कर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद की ओर से 21 नवंबर को मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया।

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कर्मचारी नेता बीएन सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की सभी मांगे जायज हैं। सरकार को इन्हें मानना ही होगा। यदि सरकार कर्मचारियों की मांगों पर विचार नहीं करती है तो मशाल जुलूस के बाद आंदोलन और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर मंत्री अविनाश सिसौदिया, राजेश उपाध्याय सहित अनेक कर्मचारी संगठनों के नेता शामिल थे।


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