Move to Jagran APP

कड़ाके की ठंड व गलन का असर, धूप बेअसर

जागरण संवाददाता मऊ पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बारिश व ओलावृष्टि का असर अब दिख रहा है

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 04:29 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 04:29 PM (IST)
कड़ाके की ठंड व गलन का असर, धूप बेअसर

जागरण संवाददाता, मऊ : पश्चिमी विक्षोभ के चलते हुई बारिश व ओलावृष्टि का असर अब दिख रहा है। जनपद में हड़कपाऊ ठंड का सितम लगातार जारी है। रविवार की सुबह भगवान भाष्कर आसमान में दिखे पर उनकी किरणें आठ बजे के बाद ही धरातल पर पहुंच पाई। दिन में तेज गति से चल रही पछुआ हवा के चलते रविवार को जहां पारा लुढ़ककर छह डिग्री पर पहुंच गया। इससे गलन ने पूरे जनमानस को परेशान किया। दिन में धूप निकलने के बाद भी हवा में गलन जारी रही। इससे धूप बेअसर साबित हुई।

loksabha election banner

सर्द हवा के कारण ठंड और गलन में तेजी से इजाफा हुआ है। ठंड के आगे दिन में निकलने वाली धूप भी बेअसर साबित हो रही है। सुबह लगभग 11 बजे तक लोग मकानों, दुकानों में दुबके रहे। जिन्हें बहुत जरूरी कार्य से कहीं जाना था, वहीं घर से बाहर निकले। ठंड बढ़ने से पारा दिनोंदिन नीचे गिरता ही जा रहा है। रविवार को अधिकतम तापमान 18 डिग्री और न्यूनतम 06 डिग्री सेल्सियस रहा। यही हाल रहा तो एक-दो दिन में हालात और बेकाबू हो सकते हैं। पिछले कई दिनों से बादलों के बीच पड़ रही कड़ाके की ठंड के बाद सुबह सर्द हवा और गलन ने लोगों की दिनचर्या को बेपटरी कर दिया है। सुबह के बाद निकली धूप से लोगों के चेहरे पर खुशी दिखी लेकिन धूप गलन के आगे बेअसर साबित हुआ। लोग धूप निकलने के बाद जगह-जगह धूप सेंकते नजर आए। जैसे-जैसे शाम ढ़ल रही है, वैसे-वैसे सर्दी के साथ ही गलन में इजाफा होता जा रहा है। देखा जाए तो दिसंबर माह की शुरुआत से ही ठंड में वृद्धि हो गई थी लेकिन बीते दिनों कई दिन हुई बूंदाबादी और ओला पड़ने के बाद सर्दी पूरी तरह से बलवान हो गई है। ठंड के साथ ही गलन का जबरदस्त प्रभाव बढ़ गया है। आलम यह हो गया कि शरीर को पूरी तरह से गर्म कपड़ों से ढंकने के बाद भी गलन की वजह से राहत नहीं मिल पा रही है। कड़ाके की सर्दी से वृद्धों की परेशानी सबसे अधिक बढ़ गई। राहत के लिए गर्म कपड़ा पहनने के साथ ही अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.