चिकित्सक का कबूलनामा सीएचसी पर संसाधनों का अभाव
मऊ एक तरफ सरकार और उसके नुमाइंदे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लंबे-चौड़े दावे करते हैं लेकिन जमीनी सच्चाई दावों के बिलकुल विपरीत है।
जागरण संवाददाता, (पुराघाट) मऊ : एक तरफ सरकार और उसके नुमाइंदे बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लंबे-चौड़े दावे करते हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई दावों के बिलकुल विपरीत है। यह किसी का आरोप नहीं बल्कि आंखों देखी हकीकत और चिकित्सक का कबूलनामा है। मंगलवार की सुबह कोपागंज विकासखंड में तैनात लिपिक गनी अहमद की मार्ग दुर्घटना में पैर में चोट लग गई। आनन-फानन में उनको सीएससी लाया गया जहां हड्डी विभाग में तैनात डा. पंकज सिंह ने मरीज के पैर फैक्चर होने की बात कही और इलाज के नाम पर 15 सौ रुपए की मांग की। मरता क्या न करता की हालत में घायल ने चिकित्सक को 15 सौ रुपया दे दिया। इस बीच जानकारी पाकर पहुंचे उनके परिजन ने जब पैसे के बाबत सवाल किया तो डा. पवन सिंह ने कैमरे के सामने कहा कि प्लास्टर से लेकर अन्य सामग्री प्रयोग की गई है, उसको खरीदना पड़ा है, तो पैसा देना ही होगा। जब परिजन ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में सभी सुविधाएं निशुल्क है, तो उन्होंने कहा कि यह दवाएं तक तो है नहीं अन्य संसाधनों की बात करनी बेमानी होगी। खुद की तारीफों में कसीदे पढ़ते हुए बताया कि नवंबर 2020 से उनकी यहां पर तैनाती हुई है, उस समय से लेकर अभी तक फैक्चर के मरीजों में प्रयोग होने वाली लकड़ी तक नहीं मिली है। वह अपने मरीजों को गत्ते की दफ्ती लगाकर इलाज करते हैं। चिकित्सक के कबूलनामा से सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था के क्या हाल है। मरीजों से इलाज के नाम पर जमकर धन उगाही हो रही है, जबकि प्रभारी से लेकर अन्य सभी मौन बने हुए है।
वर्जन
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार पूरी तरह सजग है। अभी तक इस प्रकरण की जानकारी नहीं है। लेकिन कहीं पर भी मरीजों के साथ ऐसा है तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई होगी।
डा. सतीशचंद्र सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी