फसल बर्बाद कर रहे बेसहारा जानवर
इन दिनों बेसहारा घूम रहे मवेशी किसानों के दुश्मन बने हैं। झुंड में विचरण करते जानवर किसानों की फसल को नुकसान कर रहे हैं। उधर परंपरागत रूप से नीलगायों की संख्या में वृद्धि और अब गांव के समीप खेतों में आ पहुंचने की समस्या अलग है।
जासं, घोसी (मऊ) : इन दिनों बेसहारा घूम रहे मवेशी किसानों के दुश्मन बने हैं। झुंड में विचरण करते जानवर किसानों की फसल को नुकसान कर रहे हैं। उधर परंपरागत रूप से नीलगायों की संख्या में वृद्धि और अब गांव के समीप खेतों में आ पहुंचने की समस्या अलग है। पूर्व में रबी, खरीफ एवं जायद की फसलों को हर गांव में एक दो सांड़ या भैंसे ही चरते थे। किसी भी खेत में टिक कर नुकसान न पहुंचाने के चलते यह किसानों के लिए आम बात होती थी। अब तस्वीर बदल गई है। नीलगायों सहित सांड़ एवं भैंसे ही नहीं वरन तमाम छोटे बछड़े एवं दूध देने की उम्र पार कर चुकी गाय भी झुंड में खेत में बोई गई फसल को नुकसान पहुंचा रही हैं। किसान पूरे दिन और रात खेत की रखवाली करे या अन्य कृषि कार्य, समझा से परे है।