जागरण संवाददाता, मऊ : सहारनपुर के देवबंद से आए छात्रों ने प्रशासन की बेचैनी बढ़ा दी है। 25 मार्च से राहत महसूस कर रहा प्रशासन पूरी तरह से हरकत में आ गया है। जनपद की हर गतिविधियों पर जहां नजर रखी जा रही है वहीं पॉजीटिव आए युवक के परिवार सहित 17 अन्य किशोरों की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। जांच रिपोर्ट अगर निगेटिव आती है तो प्रशासन के लिए शुभ संकेत होगा। कहीं जांच रिपोर्ट पॉजीटिव आई तो प्रशासन की नींद उड़नी लगभग तय है।
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया है। प्रथम चक्र के लॉकडाउन में जनपद का कोई भी व्यक्ति पॉजीटिव नहीं निकला। इससे प्रशासन पूरी तरह से राहत महसूस कर रहा था। ऐसा लग रहा था कि मऊ जनपद पूरी तरह से कोरोनामुक्त रहेगा। इससे धीरे-धीरे सारी गतिविधियां पटरी पर आ रही थी। यही नहीं जिलाधिकारी ने 20 अप्रैल से ज्यादातर गतिविधियों को संचालित करने का निर्णय ले लिया था। दूसरे चक्र के लॉकडाउन के पांच दिन बाद आखिरकार प्रशासन की नींद उड़ गई जबकि कोपागंज के दोस्तपुरा निवासी किशोर की जांच रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव निकली। सहारनपुर देवबंद से आने के बाद यह सभी छात्र अपने-अपने घरों को रवाना हो गए। हालांकि पॉजीटिव आए किशोर को क्वारंटाइन किया गया था। चौदह दिन बाद उसका स्वैब लेने के बाद घर भेज दिया गया था। तीन दिन बाद उसकी रिपोर्ट पॉजीटिव आई। इस प्रकार वह तीन दिन तक अपने परिवार के साथ जहां रहा वहीं आस-पास लोगों के संपर्क में भी रहा। उसके साथ 17 किशोर भी देवबंद से आए थे। पॉजीटिव आए किशोर के बताने के बाद सोमवार को इनको भी क्वारंटाइन कर दिया गया। इनका भी स्वैब जांच के लिए भेजा गया है। अब प्रशासन भगवान से विनती कर रहा है कि कोई भी पॉजीटिव रिपोर्ट न आए। ताकि जनपद के लोगों का अमन चैन बरकरार रहे। प्रशासन पूरी तरह से एहतियात बरत रहा है। सभी को क्वारंटाइन करने का निर्देश दिया गया है। घरों से बाहर कोई भी न निकले। कोपागंज को सील कर दिया गया है। पूरे जनपद की सीमाओं पर सतर्कता बरती जा रही है। सभी लोगों से अपील है कि वह प्रशासन का सहयोग कर घरों में रहे। किसी भी कीमत पर बाहर न निकलें।
-ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी, जिलाधिकारी मऊ।
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