दशक बीता, पर नहीं बदली दिलवासी की किस्मत
बहुत सी जन हिताय योजनाएं प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही है तो कुछ योजनाएं अधिकारी-कर्मचारी की लचर कार्य प्रणाली के चलते पात्र तक नहीं पहुंच रही हैं। ठीक ऐसी ही स्थिति परदहां ब्लाक के खंडेरायपुर की है। जहां आज भी सरकार की कई महत्वपूर्ण पूर्ण योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई।
जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : अनेक जन हिताय योजनाएं प्रचार-प्रसार के अभाव में दम तोड़ रही है तो कुछ योजनाएं अधिकारी-कर्मचारी की लचर कार्य प्रणाली के चलते पात्र तक नहीं पहुंच रही हैं। ठीक ऐसी ही स्थिति परदहां ब्लाक के खंडेरायपुर की है। जहां आज भी सरकार की कई महत्वपूर्ण पूर्ण योजनाएं धरातल पर नहीं उतर पाई। उन्हीं योजनाओं में एक प्रमुख योजना है प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वप्न है कि 2022 तक हर गरीब परिवार को आवास मिले पर यहां तो शुरुआत ही ठीक नहीं है।
हम बात कर रहे हैं उक्त ग्रामसभा के नेवादा अनुसूचित बस्ती की। इसमें कई ऐसे घर हैं जिन्हें को देखकर लगता है कि इन्हें आवास क्यों नहीं मिला। इसके पीछे वह कौन सी बात रही, जिससे वंचित कर दिया गया। दिलवासी पत्नी रवींद्र राम के पास खेती के नाम पर चंद बिस्वे खेत हैं। व्यवसाय के नाम पर मजदूरी। आवास के नाम पर मिट्टी की दीवार पर बांस, खर-पतवार व झाड़-झंकाड़ का छप्पर। बरसात में पूरा छप्पर में चलनी की तरह टपकता है। मजदूरी व पड़ोसी के सहयोग से व्यवस्था कर खरीदकर लाया गए बरसाती से ढक कर जगह-जगह ईंट आदि रखकर दबाया गया ताकि हवा से उड़ न जाए। घर के अंदर गृहस्थी के नाम खानापूर्ति। इसके बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रखा गया। आश्चर्य यह कि अब तक किसी अधिकारी की निगाह इनकी बेबसी की तरफ नहीं गई। गंवई राजनीति में पीसती लाचार दिलवासी यहां अकेली नहीं है। इनके साथ मंशा देवी पत्नी मोहन, अंती देवी पत्नी महेंद्र राम, अनाड़ी पत्नी राजकुमार राम सहित कई ऐसे परिवार हैं जिनका दर्द व फरियाद तो बहुत है पर यहां सुनने वाला कोई नहीं।
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चहेतों और सक्षम को मिलता है आसरा
जब ग्रामीणों से बात करिए तो वे सीधे ग्राम प्रधान व सचिव पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि जो ग्राम प्रधान के चहेते हैं उन्हें आवास मिला है तथा और जो छूटे हैं, उनको भी देने को आश्वासन मिला है। लोगों ने कहा कि ग्रामसभा में जिसके पास अपना खुद का आवास है और जो सक्षम हैं उनको भी घुमा-फिराकर परिवार के ऐसे सदस्य के नाम से आवास दे दिया गया है कि लोग शंका ही न कर सकें।