क्षमता के अनुरूप नहीं हो रही पेराई, लगी है ट्रालियों की कतार
इस वर्ष दि किसान सहकारी चीनी मिल कई बार नो केन की स्थिति से गुजर चुकी है। कभी तकनीकी समस्या के चलते क्षमता के अनुरूप पेराई नहीं तो कभी किसानों के समय से गन्ना न लाने का परिणाम यह कि इन दिनों मिल गेट के दोनों तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गन्ना लदी ट्रालियों की एक किमी तक लंबी कतार लग गई है।
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : इस वर्ष दि किसान सहकारी चीनी मिल कई बार नो केन की स्थिति से गुजर चुकी है। कभी तकनीकी समस्या के चलते क्षमता के अनुरूप पेराई नहीं तो कभी किसानों के समय से गन्ना न लाने का परिणाम यह कि इन दिनों मिल गेट के दोनों तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गन्ना लदी ट्रालियों की एक किमी तक लंबी कतार लग गई है।
इस बार नवंबर माह की बजाय चीनी मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ 02 दिसंबर को हुआ। एक माह के बीच में तीन बार चीनी मिल गन्ना न होने के कारण बंद हो चुकी है। इन दिनों एक टरबाइन खराब होने के कारण आवश्यक प्रेशर न बनने से गन्ना की पेराई भी कम हो रही है। उधर किसान पर्ची पर अंकित तिथि के 72 घंटे की बजाय एक सप्ताह बाद गन्ना लेकर आ रहे हैं। इन सब समस्याओं का परिणाम यह कि गन्ने की तौल में विलंब हो रहा है। इस कड़ाके की ठंड में किसानों को तौल के लिए तीन-तीन दिन तक इंतजार करना पड़ता है। कोहरे भरी रात में ठिठुरते हुए किसान ट्राली पर लदे गन्ना की रखवाली को विवश हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों तरफ गन्ना लदी ट्रालियों की कतार चीनी मिल में 25 हजार क्विंटल प्रतिदिन गन्ना पेराई की क्षमता पर सवाल खड़ा करती हैं तो किसानों के गन्ना की खेती से विमुख होने का सबब भी बयान करती है।