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धान खरीद की गति में बाधक बना सीएमआर

धान खरीद की राह बड़ी लंबी है। तमाम कड़ियां हैं। एक भी कड़ी यदि गड़बड़ हुई तो धान की खरीद बाधित हो जाती है। इन दिनों भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) जमा करने को खड़े ट्रकों से चावल उतारने में हो रहा विलंब जनपद के सभी क्रय केंद्रों के ठप होने का कारण बना है। संबद्ध मिल संचालक से लेकर परिवहन ठेकेदार तक परेशान हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Dec 2021 04:29 PM (IST)Updated: Fri, 24 Dec 2021 04:29 PM (IST)
धान खरीद की गति में बाधक बना सीएमआर
धान खरीद की गति में बाधक बना सीएमआर

जागरण संवाददाता, मऊ : धान खरीद की राह बड़ी लंबी है। तमाम कड़ियां हैं। एक भी कड़ी यदि गड़बड़ हुई तो धान की खरीद बाधित हो जाती है। इन दिनों भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) जमा करने को खड़े ट्रकों से चावल उतारने में हो रहा विलंब जनपद के सभी क्रय केंद्रों के ठप होने का कारण बना है। संबद्ध मिल संचालक से लेकर परिवहन ठेकेदार तक परेशान हैं।

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दरअसल धान की खरीद की राह किसान के पंजीकरण से प्रारंभ होती है और सीएमआर भारतीय खाद्य निगम के गोदाम तक पहुंचने पर समाप्त होती है। किसान के पंजीकरण के बाद सत्यापन और क्रय केंद्र पर नंबर लगाकर निश्चित तिथि पर पहुंचकर धान की तौल कराने के बाद केंद्र के गोदाम में रखा जाता है। ट्रक से इसे राइस मिल भेजा जाता है। गोदाम में धान रखने को स्थान नहीं है या परिवहन के लिए ट्रक उपलब्ध न हुआ तो खरीद बंद हो जाती है।

केंद्र के सापेक्ष आनलाइन बोरे फीड नहीं होने पर भी खरीद बाधित होती है। बहरहाल धान मिल पर पहुंचने के बाद कुटाई कर मिल संचालक इसे भारतीय खाद्य निगम के गोदाम में जमा करता है। प्रत्येक राइस मिल की कुटाई व भंडारण की क्षमता तय है। यह आंकड़ा आनलाइन होता है। गोदाम में जमा करने के बाद इसे आनलाइन फीड किया जाता है। यदि किसी कारणवश चावल की निर्धारित मात्रा जमा न हो सकी तो मिल को धान प्रेषित नहीं किया जा सकता है। इन दिनों यही समस्या है। भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से वितरण के लिए राशन बाहर से आ रहा है।

विपणन विभाग के ब्लाक स्तरीय गोदामों को भी खाद्यान्न प्रेषित किया जा रहा है। इसके साथ ही जमा चावल को बाहर भेजा जा रहा है। ऐसे में मिलों के लदे ट्रक को खाली करने में अधिक समय लग रहा है। ट्रक खाली न होने से शेष चावल को मिल से प्रेषण से लेकर क्रय केंद्रों से उठान तक बाधित है। उधर जिले की आठ मिलें धान की कुटाई करने को संबंध हैं जबकि अब तक कुल 11195.743 एमटी धान क्रय किया गया है। खरीद का यह आंकड़ा राइस मिलों के दबाव को प्रदर्शित करता है। दोहरीघाट प्रतिनिधि के अनुसार क्रय किए गए धान की उठान न होने से गोंठा मंडी में स्थापित मंडी व विपणन विभाग के दोनों क्रय केंद्रों पर धान खुले में रख गया है। धान की उठान न हुई तो खरीद बंद हो जाएगी। प्वाइंटर--

47 - धान क्रय केद्रों की संख्या

08 - धान की कुटाई के संबंद्ध

11195.743 एमटी - कुल धान खरीद

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जिलाधिकारी के प्रयास से भारतीय खाद्य निगम लखनऊ के महाप्रबंधक ने मऊ की मिलों का चावल आजमगढ़ के भारतीय खाद्य निगम के गोदाम (डिपो) में जमा करने की अनुमति प्रदान किया है। अब चावल लदे ट्रकों के उतारने की समस्या समाप्त हो गई है। धान खरीद की गति बढेगी।

- विपुल कुमार सिन्हा, जिला खाद्य व विपणन अधिकारी मऊ।


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