बुजुर्गों पर भारी पड़ रहा अचानक प्लेटफार्म बदलना
रेलवे जंक्शन पर इन दिनों कौन सी ट्रेन किस प्लेटफार्म से होकर गुजरे
जागरण संवाददाता, मऊ : रेलवे जंक्शन पर इन दिनों कौन सी ट्रेन किस प्लेटफार्म से होकर गुजरेगी इसका कोई ठिकाना नहीं है। बाहरी एक्सप्रेस ट्रेनों को तो छोड़ ही दिया जाए खुद मऊ जंक्शन से बनकर दिल्ली जाने वाली आनंदविहार एक्सप्रेस का प्लेटफार्म कई बार बदल दिया गया है। अचानक प्लेटफार्म बदलने से सबसे ज्यादा मुश्किल सामान और बच्चों के साथ सफर पर निकले लोगों को होती है। इनमें भी महिलाओं और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा पीड़ा इसलिए झेलनी पड़ रही है, क्योंकि न तो लिफ्ट काम कर रही है और न ही स्केलेटर यानि स्वचालित सीढ़ी। बीच का पैदल पुल टूट जाने से अचानक प्लेटफार्म बदलने पर यात्रियों को लगभग 700 मीटर दूरी तय कर दूसरे पैदल पुल पर चढ़ना और जाना पड़ता है।
मऊ जंक्शन पर कुल चार प्लेटफार्म हैं। पहले से चौथे प्लेटफार्म तक जाने के लिए पहले दो पैदल पुल थे, लेकिन एक को जर्जर होने की वजह से तोड़ दिया गया। महत्वपूर्ण ट्रेनों के लिए लोग प्लेटफार्म संख्या एक पर खड़े होते हैं, लेकिन जब उन्हें पता चलता है कि उनकी ट्रेन को अचानक चार नंबर से भेजने की तैयारी हो गई है तो उन्हें लगभग सात सौ मीटर चलकर पचास से अधिक सीढि़यां चढ़-उतरकर चार नंबर प्लेटफार्म पर जाना पड़ता है। बुजुर्ग व सामान के साथ आए यात्रियों के लिए यह बहुत दुखदाई होता है। लिफ्ट और स्केलेटर की सुविधा है, लेकिन इसे शायद ही किसी ने कभी चलते देखा है। बड़ी बात तो यह है कि मऊ के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन आनंदविहार एक्सप्रेस, जिसे एमएलसी अरविद कुमार शर्मा के आग्रह पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने चलाया था, उस ट्रेन का प्लेटफार्म भी एक दिन अचानक बदल दिया गया। इसके चलते यात्रियों को भीषण गर्मी में काफी तकलीफ सहनी पड़ी।
वर्जन
विशेष परिस्थितियों में प्लेटफार्म में परिवर्तन होने पर आधा घंटा पहले इसकी घोषणा की जाती है। ट्रेनों के आवागमन के समय स्केलेटर चलाने के लिए निर्देशित किया गया है।
-अशोक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, डीआरएम वाराणसी रेल मंडल।