बैंक स्टेटमेंट व कराए गए कार्यों की सूची तलब
दिसंबर को ग्राम पंचायतों के कार्यकाल खत्म होने के चंद दिन पूर्व अधिकतर पंचायतों में व्यापक पैमाने पर हुई अनियमितता का अब राजफाश जल्द होगा।
जागरण संवाददाता, मऊ : 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों के कार्यकाल खत्म होने के चंद दिन पूर्व अधिकतर पंचायतों में व्यापक पैमाने पर हुई अनियमितता का अब राजफाश जल्द होगा। मुख्य विकास अधिकारी रामसिंह वर्मा ने सभी खंड विकास अधिकारियों व सहायक विकास अधिकारी पंचायत को आदेश जारी कर ब्लाक के प्रत्येक ग्राम पंचायतों के बैंक स्टेटमेंट व कराए गए कार्यो की सूची तलब की है। सीडीओ ने दो दिन में अभिलेख नहीं देने पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
25 दिसंबर की रात 12 बजे ग्राम पंचायतें भंग हो गई और प्रधानों व सचिवों के डोंगल शासन से फ्रीज हो गए। इसके पूर्व ग्राम पंचायतें केंद्रीय वित्त व राज्यवित्त की धनराशि उतारने में जुट गई। आनन-फानन फर्जी स्टीमेट व एमबी यानी मेजरमेंट बुक तैयार कर लगभग 5 करोड़ की धनराशि का प्राइवेट फर्मों के खाते में भुगतान करा लिया गया। जब जागरण ने इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया तो प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन पूरे जनपद में जांच बैठा दी गई। अब सभी ग्राम पंचायतों के बैंक स्टेटमेंट तलब कर किए गए हैं। ग्राम पंचायतों से मिले अभिलेख के अनुसार जांच आगे बढ़ेगी। इनसेट--
नोडल अधिकारी ने खुद पकड़ी अनियमितता
जनपद भ्रमण पर आए शासन से नियुक्त नोडल अधिकारी मुकेश मेश्राम ने फतहपुर मंडाव विकास खंड का दौरा किया था। उन्होंने रमउपुर ग्राम पंचायत का भी जायजा लिया। यहां गांव में राज्यवित्त मद से बन रही नाली को देखकर वे नाराज हुए थे। यहां काम पूरा होने के पहले ही पांच लाख रुपये का भुगतान करा लिया गया था, जबकि नाली की पूरी लागत इससे आधी है। नोडल अधिकारी ने जनपद के अधिकारियों की क्लास लगाते हुए इसे बड़ी अनियमितता माना। उन्होंने आदेश दिया कि पूरे जनपद की सभी ग्राम पंचायतों की जांच कराई जाए। वर्जन--
सभी खंड विकास अधिकारियों व एडीओ पंचायत को जिम्मेदारी दी गई है कि ग्राम पंचायतों के बैंक स्टेटमेंट व अभिलेख उपलब्ध कराएं ताकि बैंक स्टेटमेंट के अनुसार अभिलेख का मिलान कर गांव में कराए गए कार्यों का सत्यापन हो सके। अनियमितता मिलने पर संबंधित कर्मचारी व प्रधान पर कार्रवाई की जाएगी।
-रामसिंह वर्मा, मुख्य विकास अधिकारी, मऊ।