सीएए नागरिकता देने को बना है, छीनने को नहीं : अली जफर
नागरिकता संशोधन कानून के बारे में फैली गलतफहमियों को दूर करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की जनपदीय इकाई ने एक नई पहल शुरू की है।
जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : नागरिकता संशोधन कानून के बारे में फैली गलतफहमियों को दूर करने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की जनपदीय इकाई ने एक नई पहल शुरू की है। लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधार्थी एवं मंच जिला संयोजक अली जफर जाफरी ने लोगों से जनसंपर्क कर इस कानून के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि इस कानून से मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। मुसलमानों को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। यह कानून नागरिकता देने वाला है किसी की नागरिकता छीनने वाला नहीं। इसलिए दुष्प्रचार से सावधान रहें।
उन्होंने साफ कहा कि सीएए से देश के नागरिकों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कानून किसी भी भारतीय हिदू, मुस्लिम को प्रभावित नहीं करेगा। इसे लेकर अगर किसी को कोई आपत्ति है तो वो अपना सुझाव देश की सरकार को दे सकता है। हिसा फैलाने से कुछ भी होने वाला नहीं है। हिसा से सिर्फ राजनीतिक पार्टियों को फायदा होगा जो लोगों को बहकाकर हिसा करा रही हैं और देश की अखंडता को बर्बाद करना चाहती हैं। इससे सिर्फ मुसलमानों का नुकसान होगा और विपक्षी पार्टियां हमदर्दी का मौका खोजकर वोट बैंक का मोहरा बनाने का रास्ता खोज रही हैं। 70 साल तक इन्हीं पार्टियों ने वोट बैंक बना कर ठगा है। मौजूदा अल्पसंख्यक देश की तरक्की में बराबर के भागीदार हैं। इसलिए हम सभी को मिलकर देश को गुमराह करने वाले षडयंत्र का पर्दाफाश करना है। नागरिकता संशोधन कानून अमानवीय अपमान को मानवीय सम्मान दिलाने की भावना से भरपूर है। इसे भारतीय मुसलमानों की नागरिकता के साथ जोड़ना सरासर छल है। इस दौरान शाहिद, सीबू, कौनैन रजा, हानी अली, जमील, शमीम, नुसैर, वैभव, संजय एवं आशू आदि भी मौजूद थे।