प्राथमिक स्कूलों में धीरे-धीरे बढ़ने लगी चहल-पहल
जिले के प्राथमिक स्कूलों में कोरोना वायरस के चलते लंबी खामोशी के बाद एक बार फिर से हलचल दिखाई देने लगी है। शासन के निर्देश पर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक अपने-अपने विद्यालयों पर पहुंचने लगे हैं और बच्चों को भी पांच-पांच की संख्या में विद्यालय पर बुलाया जाने लगा है।
जागरण संवाददाता, मऊ : जिले के प्राथमिक स्कूलों में कोरोना वायरस के चलते लंबी खामोशी के बाद एक बार फिर से हलचल दिखाई देने लगी है। शासन के निर्देश पर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक अपने-अपने विद्यालयों पर पहुंचने लगे हैं और बच्चों को भी पांच-पांच की संख्या में विद्यालय पर बुलाया जाने लगा है। ऐसे ही बड़रांव शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय कनकूडीह में आए छात्रों को खड़ाकर उसके प्रधानाध्यापक सुबोध कुमार गुप्ता ने उनके हाथों में पुस्तक पकड़ाया तो वे स्वयं भावुक हो गए।
प्रधानाध्यापक ने कहा कि बच्चों को हाथ में स्कूल से किताबें लेकर गांव में जाते हुए दूसरे बच्चे देख रहे हैं तो उन पर पढ़ाई-लिखाई करने का मनोवैज्ञानिक दबाव बन रहा है। कई बच्चे तो बुलाए गए बच्चों के साथ ही विद्यालय तक चले आ रहे हैं, लेकिन उन्हें अंदर इसलिए नहीं बुलाया जा रहा है, क्योंकि शारीरिक दूरी का अनुपालन कराया जाना जरूरी है। कहा कि प्रतिदिन 15 से 20 बच्चों को किताबें दी जा रही हैं। गांव में अभिभावकों से संवाद कर उन्हें कोरोना वायरस के प्रति सतर्क रहने और हाथ साबुन से धोते रहने तथा बच्चों को किताबों से पढ़ने के प्रति प्रेरित करते रहने के लिए कहा जा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षकों के सकारात्मक प्रयास से ही बचपन को सही दिशा दी जा सकती है। अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करना होगा।