जांच के नाम पर बरगला रहा ब्लाक प्रशासन
जागरण संवाददाता, रानीपुर (मऊ) : सरकारी योजनाएं किस कदर अनियमितता के चंगुल में जकड़ी हुई है, इसका उदा
जागरण संवाददाता, रानीपुर (मऊ) : सरकारी योजनाएं किस कदर अनियमितता के चंगुल में जकड़ी हुई है, इसका उदाहरण स्थानीय ब्लाक का ग्रामसभा नासिरपुर है। यहां कागजों पर मनरेगा, राज्यवित्त व 14वें वित्त से धड़ल्ले से काम कराए गए। जमीन पर न ही कोई काम और न ही किसी को जानकारी, परंतु जिलाधिकारी सहित जिला स्तरीय अधिकारियों से शिकायत के बाद भी ब्लाक स्तरीय अधिकारी जांच के नाम पर केवल हीलाहवाली कर रहे हैं।
मामला फिर मनरेगा का है। तमाम कवायदों के बावजूद गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराने वाली केंद्र सरकार की यह योजना अनियमितता से उबर नहीं पा रही है। बीते सितंबर माह में विकास खंड मनरेगा के मैटेरियल मद के अनियमित भुगतान को लेकर सुíखयों में था। हालांकि प्रशासन ने इस मद के भुगतान पर रोक लगाते हुए जाबकार्ड धारकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। धड़ाधड़ कच्चे काम भी कराए गए। इसमें बड़े पैमाने पर खेतों का समतलीकरण व पौधरोपण के कार्य शामिल हैं। इसमें नासिरपुर ग्राम पंचायत में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई। इसमें लाभाíथयों को पता ही नहीं, ग्राम पंचायत ने कागजों पर खेतों का समतलीकरण कराकर सैकड़ों की संख्या में पौधरोपण भी कर दिए। हालांकि हकीकत यह है कि वर्तमान में उन खेतों में आलू की खेती की गई है। इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्र पर मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये उतार लिए गए। हकीकत में आंगनबाड़ी केंद्र झांड़-झंखाड़ से पटा पड़ा है। जिलाधिकारी से शिकायत के नाम पर एडीओ कोआपरेटिव ने 15 फरवरी को मौके पर जाकर जांच किया। यहां शिकायतकर्ता से सभी साक्ष्य भी लिए गए। इसके बावजूद 14 दिन बीत जाने के बाद भी आज तक उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट प्रेषित नहीं की गई। वर्जन--
खेत में मनरेगा के तहत कराए गए समतलीकरण व पौधरोपण, आंगनबाड़ी, पोखरे की खोदाई का कार्यों का सत्यापन किया गया है। इसके लिए शिकायत कर्ता से अभिलेख मांगे गए हैं। अभिलेख मिलने के बाद मिलान कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
- रविकांत यादव, एडीओ कोआपरेटिव जांच अधिकारी, रानीपुर।