बिदटोलिया का अस्तित्व खतरे में, तीन ओर से तेज कटान
जागरण संवाददाता मधुबन (मऊ) स्थानीय तहसील क्षेत्र के देवारा में घाघरा का जलस्तर कम होन
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : स्थानीय तहसील क्षेत्र के देवारा में घाघरा का जलस्तर कम होने के बाद बाढ़ की आशंका तो थमती नजर आ रही है। कटान की रफ्तार तेज हो गई है। इससे बिदटोलिया गांव के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि मंगलवार को पहुंचे जिलाधिकारी ने सिचाई विभाग को कटान रोकने का उपाय करने के लिए निर्देशित किया है लेकिन घाघरा की रफ्तार के आगे सभी प्रयास निष्फल साबित हो रहे हैं।
क्षेत्र के देवारा स्थित धर्मपुर विशुनपुर ग्रामपंचायत के बिदटोलिया में एक बड़ी आबादी निवास करती है। लगभग एक दशक से घाघरा की कटान के चलते दर्जनों परिवार विस्थापित हो चुके हैं, कोई अन्यत्र चला गया तो कोई अपनी गृहस्थी बचाने के लिए नदी से थोड़ी दूरी पर बस गया है। लेकिन घाघरा की धारा नई बस्ती को ही नहीं बल्कि समूची बिदटोलिया को भी अपनी आगोश में लेने के लिए आतुर दिखाई पड़ रही है। हालांकि ग्रामीण पिछले कई माह से कटान रोकने के समुचित उपाय करने के लिए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका संज्ञान लेकर शासन द्वारा नदी की धारा को दूसरी दिशा में मोड़ करके कटान रोकने के लिए धन भी अवमुक्त कर दिया गया है। इस पर काम भी शुरू हो गया था जो इस समय जलस्तर बढ़ने से बाधित हो गया। इस समय नदी ने बिदटोलिया को तीन तरफ से घेरकर तेजी के साथ कटान कर रही है। इससे बिदटोलिया के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
बेबस ग्रामीण लगा रहे गुहार
कटान की तीव्रता के चलते बिदटोलिया के ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं। जैसे ही गांव में किसी अधिकारी, नेता या जनप्रतिनिधि के आने की उनको भनक लगती है तुरंत बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर बिदटोलिया को कटान से बचाने की गुहार लगाना शुरू कर देते हैं। हालांकि बेबस ग्रामीणों को आश्वासन के सिवाय कुछ हाथ नही लगता है और ग्रामीण अपने सामने अपना आशियाना उजड़ते देख रहे हैं।