आरक्षण अंतिम सूची प्रकाशित, दिग्गजों के अरमान धराशायी
जागरण संवाददाता मऊ त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 2015 बेस आरक्षण की अंतिम सूची गुरुवार क
जागरण संवाददाता, मऊ : त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के लिए 2015 बेस आरक्षण की अंतिम सूची गुरुवार की देर रात जारी कर दी गई। दूसरे दिन शुक्रवार को खंड विकास मुख्यालयों पर भी सूची को चस्पा कर दिया गया। इसमें रतनपुरा विकास खंड के रजमलपुर, देवदह, गाढ़ा और बीबीपुर गांव में आरक्षण का बदलाव हुआ है। अनंतिम सूची में रजमलपुर व देवदह ग्राम पंचायत का आरक्षण त्रुटिवश गलत हो गया था। अंतिम सूची में इसको सुधार लिया गया। इसके चलते अगल-बगल के रजमलपुर आदि दो ग्राम पंचायतों के आरक्षण में बदलाव करना पड़ा। गुरुवार की देर रात अंतिम सूची जारी होते ही तथा निर्वाचन आयोग के तरफ से आदर्श आचार संहिता प्रभावी होते ही 17 लाख आबादी वाले ग्रामीण क्षेत्र का चुनावी पारा बढ़ने लगा।
जनपद में 671 ग्राम पंचायतों, 09 ब्लाक प्रमुखों व 34 जिला पंचायत के वार्डों सहित क्षेत्र पंचायत वार्ड व ग्राम पंचायत वार्ड के आरक्षण की अंतिम सूची को प्रशासन ने जारी कर दिया है। सूची जारी होते ही ग्रामीण क्षेत्र का चुनावी पारा अचानक बढ़ गया। जारी आरक्षण ने दशकों से एक ही सीट पर जमे दर्जनों दिग्गजों के अरमान धराशाई हो गए। अब उनकी उम्मीदें पूर्ण रूप से टूट गई हैं। क्योंकि सीट दूसरे जाति विशेष के लिए आरक्षित हो गई है। जिसके मन मुताबिक सूची जारी हुई वह प्रचार में उतर आया तो इससे वंचित वर्ग को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी।
1995 के आधार के पर पहले किए गए आरक्षण में शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद को महिला के लिए आरक्षित किया गया था। इसके साथ ही ब्लाक प्रमुखों का भी आरक्षण कर दिया गया था। दो मार्च को प्रशासन ने भी ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों एवं जिला पंचायत सदस्य पद का भी आरक्षण कर दिया था। इसी दौरान हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने 15 मार्च को पिछले आरक्षण को निरस्त करते हुए 2015 के आधार पर आरक्षण करने के निर्देश दिए थे। शासन से जारी आरक्षण में आजमगढ़ मंडल में केवल जनपद के जिला पंचायत अध्यक्ष पद को ही अनारक्षित श्रेणी में रखा गया है। इससे जनपद सहित अलग-बगल के दिग्गज इसी सीट पर अपने समर्थकों को जिताने की हर संभव कोशिश में लगे थे। इसी बीच जारी आरक्षण ने बड़े-बड़े दिग्गजों के अरमानों पर पानी फेर दिया। अब दिग्गज जिस वर्ग के लिए सीट आरक्षित हुई उस वर्ग के पाकेट के उम्मीदवार को उतारने के साथ ही अपने लिए सेफ जोन की तलाश शुरू कर दिए हैं। अंतिम सूची यह हुए बदलाव--
- ग्राम पंचायत रजमलपुर अनंतिम सूची में पिछड़ा वर्ग था अंतिम सूची में अनुसूचित महिला हुआ।
- ग्राम पंचायत देवदह अनंतिम सूची में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित था, अब अंतिम सूची में पिछड़ा वर्ग महिला हुआ।
- ग्राम पंचायत गाढ़ा अनंतिम सूची में अनुसूचित महिला था, अब अंतिम सूची में अनुसूचित जाति हुआ।
- ग्राम पंचायत बीबीपुर अनंतिम सूची में पिछड़ा वर्ग महिला था, अंतिम सूची में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ। इनसेट--
आपत्तियां भी नहीं आई काम, मिली सिर्फ निराशा
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में पहले 1995 के आधार पर हुए आरक्षण प्रकाशन के बाद जिले में रिकार्डतोड़ आपत्तियां पड़ी थी। बड़े जनपदों में शुमार आजमगढ़ मंडल के आजमगढ़, बलिया को पीछे छोड़ते हुए केवल मऊ में 884 आपत्तियां डाली गई थी। हालांकि आपत्तियों के लिए शासन ने चार-पांच दिन का समय भी दिया था परंतु इस बार 20 मार्च से 23 मार्च के बीच आपत्तियां डालने का शासनादेश था परंतु प्रशासन ने खुद ही 21 मार्च की देर शाम सूची का प्रकाशन किया। सूची प्रकाशन में ही दो दिनों का समय लग जाने के कारण आपत्ति डालने के लिए मात्र दो ही दिन मिले। इसके बाद मात्र दो दिनों में 987 आपत्तियां पड़ गई। हालांकि इन आपत्तियों का निस्तारण भी किया गया परंतु रतनपुरा को छोड़कर कहीं बदलाव नहीं हुआ। आपत्ति डालने वालों को केवल निराशा ही हाथ लगी।