दहेज हत्या व हत्या के दो भिन्न मामलों में आरोपितों की जमानत अर्जी खारिज
विधि संवाददाता (मऊ) प्रभारी जनपद न्यायाधीश बुद्धि सागर मिश्रा ने दहेज हत्या व हत्या के दो भिन्न थ
विधि संवाददाता (मऊ): प्रभारी जनपद न्यायाधीश बुद्धि सागर मिश्रा ने दहेज हत्या व हत्या के दो भिन्न थाना क्षेत्र के मामले मे दो आरोपितों की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी। प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष एवं प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता मणि बहादुर सिंह के तर्कों को सुनने एवं केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पारित किया।
पहला मामला दहेज हत्या का हलधरपुर थाना क्षेत्र का है। मामले के अनुसार घोसी थाने के पकड़ी खुर्द निवासी वादी रूदल की बहन पूजा को गत 28 जून 2021 को उसके ससुराल वालों ने दहेज की मांग को लेकर मार डाला। इस मामले में आरोपित हलधरपुर थाना क्षेत्र के सम्मनपुरा गांव निवासी रमेश की ओर से जमानत की अर्जी दी गई थी। जमानत पर सुनवाई के बाद अदालत ने आवेदन खारिज कर दिया । दूसरा मामला हत्या का कोतवाली थाना क्षेत्र का है। मामले में भीटी मलिन बस्ती निवासी वादी जमुना साहनी ने घटना की तहरीर दी। वादी के अनुसार गत 21 जुलाई को आपसी झगड़े में उसकी बहू अतवारी के सिर में गंभीर चोट पहुंचा कर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले मे आरोपित भीटी मलिन बस्ती निवासी मनीषा देवी की तरफ से जमानत अर्जी दी गई थी। जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद प्रभारी जनपद न्यायाधीश ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
विधि संवाददाता (मऊ): पाक्सो मामलों की विशेष अदालत अपर सत्र न्यायाधीश शबीह जेहरा ने अवयस्कों के साथ दुराचार के दो भिन्न थाना क्षेत्र के मामलों में आरोपियों की जमानत अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी।
पहला मामला मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र में अवयस्क अनाथ लड़के के साथ अप्राकृतिक दुराचार का है। घटना गत 4 नवंबर की है। इस मामले में रानीपुर थाना क्षेत्र के एरैला निवासी आरोपित हेमंत यादव की जमानत अर्जी अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। दूसरा मामला कोतवाली थाने की गत 27 अगस्त का है। इस मामले में मलिक टोला निवासी आरोपी उस्मान वादी की अवयस्क आठ साल की लड़की को लेकर भाग रहा था कि भीड़ ने उसे पकड़ लिया। इस मामले मे आरोपित उस्मान की ओर से जमानत अर्जी दी गई थी । न्यायालय ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। पाक्सो की विशेष न्यायाधीश ने आरोपी के अधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक विमल कुमार श्रीवास्तव और प्रवीण कुमार मिश्रा की बहस सुनने के बाद उक्त आदेश दिया।