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मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा बड़रांव सीएचसी

जागरण संवाददाता बोझी (मऊ) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़रांव काफी दिनों से संसाधनों से जूझ

By JagranEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 03:54 PM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 03:54 PM (IST)
मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा बड़रांव सीएचसी
मानव संसाधन की कमी से जूझ रहा बड़रांव सीएचसी

जागरण संवाददाता, बोझी (मऊ) : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़रांव काफी दिनों से संसाधनों से जूझ रहा है। यही नहीं यहां डाक्टर की तैनाती न होने से मरीजों को जिला मुख्यालय सहित अन्य जनपदों को जाकर अपना इलाज कराना पड़ रहा है। कुल मिलाकर निर्माण के बाद यह स्वास्थ्य केंद्र अपने उद्देश्यों पर खरा नहीं उतर पाया है।

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मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर बड़रांव के लोगों को इलाज के लिए पड़ोसी जिले आजमगढ़ और गोरखपुर जाना पड़ता था। उस समय वहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हुआ करता था। पांच फरवरी 2008 को प्रदेश सरकार के तत्कालीन राजस्व मंत्री फागू चौहन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की आधारशिला रखी थी। 13 वर्ष के बाद भी यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नहीं हो सकी है। सीएचसी सर्जन, फिजिशियन, वार्ड ब्वाय की कमी से जूझ रहा है। अभी तक एक्स-रे मशीन भी नहीं आ सकी है। स्वीपर की कमी से साफ-सफाई की व्यवस्था भी बाधित हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी तो महिलाओं को होती है, सामान्य प्रसव तो हो जाता है लेकिन सर्जरी नहीं हो पाती है। सर्जन के अभाव में ओटी भी बंद पड़ी है। अस्पताल पर जिन चिकित्सकों की नियुक्ति हुई है, वह भी किसी बहाने गायब ही रहते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी महिला रोगियों को होती है। इस संबंध में क्षेत्र के शंभूनाथ, शिवनाथ चौहान, अखिलेश शुक्ला, रामानंद यादव, मुरली सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विलय हुए 12 वर्ष हो गए लेकिन अब व तब में कोई अंतर नहीं दिख रहा है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़रांव के अधीक्षक डा. अशोक कुमार का कहना है कि इस बाबत हमेशा उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाता है लेकिन सुविधाएं प्रदान नहीं की जा रही है।


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