जलस्तर घटते ही वेग तेज, कटान का बढ़ा खतरा
जागरण संवाददाता मऊ नेपाल के पानी से बढ़ रहा सरयू का जलस्तर रविवार को घटने लगा। जलस्तर
जागरण संवाददाता, मऊ : नेपाल के पानी से बढ़ रहा सरयू का जलस्तर रविवार को घटने लगा। जलस्तर घटने से लोगों ने राहत की श्वांस ली किंतु किनारों पर अब कटान का खतरा उत्पन्न हो गया है। शनिवार की रात से ही मधुबन के विदटोलिया में कटान शुरू हो गई है। हालांकि अभी इसकी रफ्तार धीमी है परंतु जैसे-जैसे नदी के जलस्तर में घटाव का क्रम रहेगा, वैसे-वैसे नदी कटान करेगी। अब अगर विदटोलिया में कटान हुई तो एक दर्जन पक्के घर नदी में समाहित हो जाएंगे।
दोहरीघाट : धनौली से श्मशान घाट तक 21 ठोकरों का निर्माण सिचाई विभाग को बाढ़ से पहले करना था, ताकि बाढ़ से दर्जनों गांव को बचाया जा सके। शासन द्वारा करोड़ों की धनराशि स्वीकृत होने के बाद भी कटाना स्थल पर कार्य सिचाई विभाग ने प्रारंभ किया पर वह भी बेहद धीमी गति से। इसका कारण रहा कि नदी का दबाव श्मशान घाट, भारत माता मंदिर पर बढ़ता गया। नदी की धारा को मोड़ने के लिए 21 कटर का निर्माण 8.33 करोड़ की लागत से करना था। ताकि मुक्तिधाम से धारा का टकराव न हो और धारा मोड़ सके। रविवार की सुबह आठ बजे को गौरीशंकर घाट पर सरयू नदी का जलस्तर 12 सेंटीमीटर घटकर 69.18 मीटर पर था। नदी प्रति घंटा आधा सेंटीमीटर के हिसाब से घट रही है। भारत माता मंदिर को बचाने का प्रोजेक्ट खटाई में पड़ सकता है। जून माह से पूर्व सिचाई विभाग द्वारा बरती गई लापरवाही के चलते दोहरीघाट के एतिहासिक स्थलों पर ग्रहण लग गया है।
इनसेट--
मधुबन : पिछले कई दिनों से तेजी के साथ बढ़ रहे सरयू नदी के जलस्तर में अब घटाव का दौर जारी है। तहसील क्षेत्र के हाहानाला पर शनिवार की सुबह 8:00 बजे जहां जलस्तर 64.90 मीटर था, वहीं रविवार को यह घटकर 64.80 मीटर आ गया। यानि बीते 24 घंटे में सरयू नदी का जलस्तर 10 सेंटीमीटर घटा है, जो एक राहत की बात है। मगर नदी का पानी घटने के साथ ही पिछले कई दिनों से रुकी कटान एक बार फिर शुरू हो गई है। इससे सरजू नदी के सबसे अंतिम छोर पर बसे विदटोलिया, खैरा देवारा, मन-मन का पूरा, जरलहवा जैसे दर्जनों गांव के लोग एक बार फिर दहशत में आ गए हैं। पिछले एक सप्ताह से रुकी कटान शनिवार की रात से एक बार फिर शुरू हो गई। हालांकि वर्तमान में तेजी से कटान नहीं हो रही है फिर भी दोबारा कटान शुरू होने से आने वाले खतरे को लेकर लोग भयभीत जरूर हो गए हैं। क्योंकि लोग जानते हैं कि जैसे-जैसे नदी का पानी घटता जाएगा कटान बढ़ती जाएगी। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि देवारा के लोगों की दिक्कतें फिलहाल कम नहीं होने वाली। नदी का पानी भले ही घट रहा हो मगर दोबारा कटान शुरू हो जाने से संकट गहराता जा रहा है। इस बीच रविवार को दिन भर बारिश होती रही। जिससे देवारा में बसे दर्जनों गांव में लोगों को पशुओं के चारे के लिए जूझना पड़ा। वहीं कटान से बेघर हुए लोगों की दिक्कतें और बढ़ गई।