श्रद्धा से पूजे गए आदिशिल्पी, चहुंओर रही धार्मिक अनुष्ठानों की धूम
जागरण संवाददाता मऊ चराचर जगत के निर्माता इंद्रपुरी यमपुरी वरुणपुरी कुबेरपुरी पां
जागरण संवाददाता, मऊ : चराचर जगत के निर्माता, इंद्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पांडवपुरी, सुदामापुरी, शिवमंडलपुरी, अलकापुरी, श्रीलंका आदि के रचनाकार आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती गुरुवार को जनपद में आस्था, श्रद्धा और उल्लास के बीच मनाई गई। सरकारी हों या निजी, सभी कल-कारखानों से लगायत, लगभग प्रत्येक दुकान, मकान के बीच कलों-यंत्रों की साफ-सफाई की गई। आस्था के साथ भगवान विश्वकर्मा के चित्र और प्रतिमाएं स्थापित कर सविधि पूजन-अर्चन किया गया। बहुतायत स्थानों पर एक दिन पूर्व से ही शारीरिक दूरी को ध्यान में रखते हुए श्रीसीताराम नाम अखंड संकीर्तन आरंभ हो गया था, जिसकी पूर्णाहुति कर भगवान विश्वकर्मा की आराधना की गई। सभी कल-यंत्र उपयोग करने वाले लोगों ने उनसे अपने रोजगार और कौशल की संवृद्धि तथा कुशल-मंगल की कामना की। हर तरफ से उठते भजन-कीर्तन और संकीर्तन की स्वरलहरियों से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो गया था।
नगर के रोडवेज, रेलवे परिसर स्थित इंजीनियरिग विभाग, लोकोशेड, बिजली विभाग की कार्यशाला के अतिरिक्त राष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरो, राष्ट्रीय बीज विज्ञान अनुसंधान संस्थान के साथ ही सभी कल-कारखानों, आटो-मोबाइल्स की दुकानों, गैराजों, तकनीकी शिक्षण संस्थानों व कौतुकी एग्रो लिमिटेड चचाईपार में श्री विश्वकर्मा पूजनोत्सव की धूम रही। लोगों ने अपने घरों में रखे यंत्रों, कल-पुर्जों से युक्त सामानों के अलावा वाहनों को भी धो-पोंछकर उसे सजाया और उस पर रोली-सिदूर, कुमकुम का तिलक, ओम अंकित कर स्वस्तिक चिह्न बना उनका सविधि पूजन-अर्चन किया। इस दौरान मिस्त्री का काम करने वाले लोगों ने अपनी दुकानों, वर्कशापों की साफ-सफाई करा कर उनकी भव्य सजावट की थी। पूजन-अर्चन के बाद किए गए हवन में अर्पित हवि की दिव्य सुगंध सभी दिशाओं से नथुनों में प्रवेश कर मन-मस्तिष्क को पवित्र बना रही थी। हर ओर बह रही भक्ति की धारा में हर तन-मन डूब चला था। इनसेट---
दोपहर बाद स्टैंडों से वाहन गायब
श्री विश्वकर्मा पूजनोत्सव होने के कारण दोपहर बाद विभिन्न मार्गों पर चलने वाले सवारी वाहन स्टैंडों से नदारद दिखे। सुबह से ही विभिन्न गैराजों और सर्विसिग सेंटरों पर धुलाई-पोंछाई के लिए वाहनों की लंबी कतारें लगीं थीं। हालत यह कि दोपहर बाद सभी वाहन चालकों ने अपने वाहनों की साफ-सफाई कर उन्हें पूजन-अर्चन के लिए घर ले जाकर खड़ा कर दिया। इसके चलते सड़कों से सवारी वाहन गायब हो गए। प्राइवेट टैक्सी स्टैंडों पर भी सन्नाटा पसर गया। इसके चलते विभिन्न गंतव्यों को जाने वाले यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।