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716 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन, चल रहे किराए में

नंबर गेम 22 लाख कुल जनसंख्या 2587 कुल आंगनबाड़ी केंद्र 374 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 09:06 PM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 09:06 PM (IST)
716 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन,  चल रहे किराए में
716 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास नहीं है अपना भवन, चल रहे किराए में

नंबर गेम :::

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22 लाख : कुल जनसंख्या

2587 : कुल आंगनबाड़ी केंद्र

374 : मिनी आंगनबाड़ी केंद्र

716 : किराए पर आंगनबाड़ी केंद्र

287 : शहर में किराए पर

429 : गांवों में किराए पर

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जागरण संवाददाता, मऊ : सरकार भले ही गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को पोषण देने लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाकर कुपोषण दूर करने का प्रयास कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रही है। जनपद में 716 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना भवन तक नहीं है। ये केंद्र किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं। जनपद में 140 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 309 सहायिकाओं का पद खाली चल रहा है। शासन की तरफ से इन पदों को भरने के लिए चल रही नियुक्ति प्रक्रिया अभी शासन स्तर पर लंबित है। इसकी वजह से इन पदों को अभी तक नहीं भरा जा सका है।

पोषण योजना महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को उनके बच्चे के जन्म के पूर्व एवं पश्चात सुविधाएं देना एवं गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाना है। इसमें 19 वर्ष या इससे अधिक आयु की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को उनके दो जीवित शिशुओं तक पात्रता है। योजना में महिला को उसके बच्चे के छह माह की आयु पूर्ण होने पर तीन किस्तों में कुल राशि 4,000 रुपये दी जा रही है। प्रोत्साहन राशि के रूप में कार्य पूर्ण होने पर प्रति लाभार्थी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 200 रुपये एवं सहायिका को 100 रुपये प्रदान किया जाता है। कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को पुष्टाहार व शासन द्वारा प्रदान की जा रही सहायता इन्हें उपलब्ध कराना है। इसके अलावा गांव व शहर के अशिक्षित बच्चों को शिक्षित करना है। इसके अलावा विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को संचालित भी करना है। इनसे विभाग अन्य कार्य भी लेता हैं। विभाग के बाबू परितोष की मानें तो जनपद में कुल 2587 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें से 2213 आंगनबाड़ी व 374 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें 2447 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 1904 सहायिका तैनात हैं। यानी आंगनबाड़ी के 140 व सहायिका के 309 पद खाली चल रहे हैं। 140 आंगनबाड़ी केंद्र चल ही नहीं रहे हैं। इन आंगनबाड़ी कें द्रों को दूसरे केंद्रों के सहारे चलाया जा रहा है, जहां बच्चों को सहायिका द्वारा पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जाती है।

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संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या

रानीपुर : 304

परदहां : 212

मुहम्मदाबाद गोहना : 304

रतनपुरा : 245

बड़रांव : 226

दोहरीघाट : 223

फतेहपुर मंडाव : 279

घोसी : 209

कोपागंज : 285

शहर : 300

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आंगनबाड़ी व सहायिका के पदों को भरने के लिए सरकार की तरफ से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शासन स्तर से मामला लटका हुआ है। वहां से हरी झंडी मिलते ही इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी। जिन केंद्रों पर आंगनबाड़ी नहीं हैं वहां उनको दूसरे केंद्र की आंगनबाड़ी व सहायिका चला रही हैं।

-राधेश्याम पाल, सीडीपीओ शहर।


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