धनौली से लेकर सिपाह तक 500 एकड़ फसल पानी में डूबी
जागरण संवाददाता दोहरीघाट (मऊ) सरयू नदी का जलस्तर बार-बार घटने व बढ़ने से रिग बंधों
जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : सरयू नदी का जलस्तर बार-बार घटने व बढ़ने से रिग बंधों पर लगे रेग्युलेटर बंद हैं। इससे धनौली से लेकर सिपाह तक लगभग 500 एकड़ खेतों में बाढ़ व बारिश का पानी लबालब भरा पड़ा है। हालांकि अब नदी का जलस्तर खतरा बिदु के नीचे चला गया है। ऐसे में अगर रेग्युलेटर खोल दिए जाते तो खेतों में भरा पानी नदी में निकल जाता। उधर, खेतों में पानी लगातार भरे होने से बोई गई फसलें बर्बाद हो गई हैं। इसको लेकर किसान क्षतिपूर्ति की मांग कर रहे हैं तो वहीं अभी तक प्रशासन ने सर्वे भी नहीं कराया है।
चिऊटीडांड से लेकर रामपुर धनौली रिग बंधे के दोनों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। उधर, सरयू नदी का जैसे ही जलस्तर घट रहा है कि नेपाल द्वारा विभिन्न बैराजों से पानी छोड़ दिया जा रहा है। इससे नदी फिर उफन जा रही है। इसको देखते हुए बंधों पर लगे रेग्युलेटर बंद कर दिए गए हैं। किसान बार-बार मुआवजे की मांग कर रहे हैं लेकिन मुआवजे के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं मिल रही है। धनौली, तारनपुर, रामपुर, छुतिहर, गोंठा, कादीपुर, हरधौली, लामी, गोड़ौली, सिपाह, सियरही, चिऊटीडांड, मादी, नई बाजार, सरहरा आदि गांवों के किसानों की हजारों एकड़ धान की फसलें पानी में गल गई हैं। इसका कारण जलनिकासी न होना है। जबकि अर्से से किसान जल निकासी की मांग कर रहे हैं। अधिशासी अभियंता बाढ़ खंड आजमगढ़ दिलीप कुमार ने कहा कि नदी का जलस्तर घटने के बाद ही रिग बंधे पर लगे सभी रेग्युलेटर उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बंधों पर लगे रेग्युलेटरों की निगरानी बढ़ा दी गई है। अगर नदी का जलस्तर बढ़ा है और रेग्युलेटर उठ गए तो भीषण तबाही हो सकती है।