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बैसाखी के सहारे 140 आंगनबाड़ी केंद्र

सरकार भले ही गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को पोषण देने के लिए तरह-तरह योजनाएं चलाकर कुपोषण दूर करने की कोशिश कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 06:11 AM (IST)
बैसाखी के सहारे 140 आंगनबाड़ी केंद्र
बैसाखी के सहारे 140 आंगनबाड़ी केंद्र

नंबर गेम :::

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2200000 : कुल जनसंख्या

2587 : कुल आंगनबाड़ी केंद्र

374 : मिनी आंगनबाड़ी केंद्र

716 : किराए पर आंगनबाड़ी केंद्र

287 : शहर के किराए पर

429 : गांव के किराए पर

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जागरण संवाददाता, मऊ : सरकार भले ही गर्भवती महिलाओं व किशोरियों को पोषण देने के लिए तरह-तरह योजनाएं चलाकर कुपोषण दूर करने की कोशिश कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग ही नजर आ रही है। जनपद में 140 आंगनबाड़ी केंद्र बैसाखी के सहारे दंभ भरते नजर आ रहे हैं। यह अस्तित्व में दिख ही नहीं रहे हैं। विभाग की मानें तो इन्हें दूसरे आंगनबाड़ी केंद्रों में मर्ज किया गया है। यही नहीं 716 आंगनबाड़ी केंद्रों के पास अपना आवास नहीं है। यह किराए के मकान में संचालित हो रहे हैं। पूरे जनपद में 140 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 309 सहायिका का पद खाली चल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह योजना संचालित की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को उनके बच्चे के जन्म के पूर्व एवं पश्चात मजदूरी में होने वाली हानि की आंशिक क्षतिपूर्ति एवं गर्भवती और धात्री महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाना है। इस योजना में 19 वर्ष या इससे अधिक आयु की गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को उनके पहले दो जीवित शिशुओं तक पात्रता है। योजना में निर्धारित शर्तों को पूर्ण करने वाली महिला को उसके बच्चे के छह माह की आयु पूर्ण होने पर तीन किश्तों में कुल राशि 4,000 रुपये दिए जा रहे हैं। प्रोत्साहन राशि के रूप में कार्य पूर्ण होने पर प्रति लाभार्थी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 200 रुपये एवं सहायिका को100 रुपये प्रदान किया जाता है। इसके अलावा गांव व शहर के अशिक्षित बच्चों को शिक्षित करना है। इसके अलावा विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को संचालित भी करना है। इनसे विभाग अन्य कार्य भी लेता हैं। ऐसे में जनपद में कुल 2587 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें से 2213 आंगनबाड़ी व 374 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इसमें 2447 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व 1904 सहायिका तैनात हैं। यानी आंगनबाड़ी के 140 व सहायिका के 309 पद खाली चल रहे हैं। 140 आंगनबाड़ी केंद्र चल ही नहीं रहे हैं। इन आंगनबाड़ी केंद्र को पास के केंद्रों से मर्ज कर दिया गया है।

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संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या ::::::

रानीपुर : 304

परदहां : 212

मुहम्मदाबाद गोहना : 304

रतनपुरा : 245

बड़रांव : 226

दोहरीघाट : 223

फतेहपुर मंडाव : 279

घोसी : 209

कोपागंज : 285

शहर : 300

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सरकार की तरफ से समय-समय पर पदों को भरने के लिए आवेदन किया जाता है। अभी भी 140 पद रिक्त चल रहे हैं। इन आंगनबाड़ी केंद्रों की जिम्मेदारी पास के केंद्रों को सौंपी गई है। दूसरे केंद्र की आंगनबाड़ी व सहायिका इसे संचालित करती हैं।

-दुर्गेश कुमार, जिला कार्यक्रम अधिकारी।


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