एचआइवी की जांच को अब गांवों में जागरूकता
ग्रामीण तेजी से करा रहे हैं एचआइवी की जांचकभी खुद तो कभी पत्नी के कहने पर पहुंच रहे जांच कराने
केस-एक: छाता क्षेत्र के एक गांव में रहने वाला 35 वर्षीय युवक दिल्ली रहकर ट्रक चलाता है। करीब छह माह बाद घर लौटा, ऐसे में पत्नी ने एचआइवी की जांच कराई। हालांकि जांच में रिपोर्ट निगेटिव आई है। केस-दो : महावन क्षेत्र के एक गांव में रहने वाला 40 वर्षीय व्यक्ति हरियाणा में एक फैक्ट्री में काम करता है। करीब दो माह पहले अपने घर तीन माह बाद आया था। तबीयत खराब हुई, तो उसने जिला अस्पताल पहुंचकर एचआइवी जांच कराई। रिपोर्ट निगेटिव आने पर राहत की सांस ली। जागरण संवाददाता, मथुरा: एचआइवी संक्रमण के प्रति जागरूकता के ये महज दो उदाहरण हैं। हकीकत ये है कि अब गांवों में भी एचआइवी को लेकर तेजी से जागरूकता बढ़ी है। कभी पत्नी के दबाव में तो कभी खुद सचेत होकर लोग एचआइवी की जांच कराने पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में एचआइवी की जांच और परामर्श लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, परामर्श और जांच कराने वालों में सबसे अधिक ग्रामीण क्षेत्र के लोग हैं। इनमें पहले की अपेक्षा अधिक जागरूकता आई है। बाहर रहकर काम-धंधा करने वालों में बड़ी संख्या में ऐसे हैं, जो शक होने पर एचआइवी की जांच करा रहे हैं। परामर्श लेने वालों पर एक नजर
वर्ष संख्या जांच एचआइवी पाजिटिव
2016 13512 6486 142
2017 14789 4122 139
2018 18754 18747 191
2019 14191 15191 169
2020 12593 12593 142
2021 12975 11950 155
(नोट-वर्ष 2020 व 21 में कोरोना संक्रमण के कारण मरीजों की संख्या कम रही) गांवों में अब पहले के मुकाबले एचआइवी जांच को लेकर जागरूकता आई है। यही कारण है कि जांच की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।
विवेक अग्रवाल, काउंसलर, एआरटी सेंटर।