जागरण संवाददाता, मथुरा: जिला महिला अस्पताल में डॉक्टर के उत्पीड़न से परेशान महिला संविदाकर्मी ने सीएमएस कार्यालय में जमकर हंगामा किया। इस दौरान सीएमएस बेबसी के साथ खामोश बैठे रहे।
गुरुवार की दोपहर डाटा एंट्री ऑपरेटर सविता शर्मा ने अपनी सैलरी न आने के बाद यहां तैनात एनएचआरएम के नोडल अधिकारी डॉ. केके माथुर पर जानबूझकर उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि यहां सिर्फ मैं ही यहां परेशान नहीं हूं बल्कि सारा स्टाफ परेशान है। हंगामे के दौरान डॉ. केके माथुर अस्पताल से नदारद थे। सविता का कहना है कि जब कॉल करके उन्होंने पता किया तो बताया गया कि डॉ. किशोर माथुर ने सैलरी के लिए मना किया है। हर महीने सैलरी नहीं मिलती है, जबकि एमडी का आदेश है कि महीने की पांच तारीख को सैलरी मिल जानी चाहिए। सीएमएस ने डॉक्टर माथुर को अस्पताल का सर्वेसर्वा बना रखा है। अटेंडेंस भेजने का काम सीएमएस का है जो डॉ. माथुर को सौंप रखा है। भारत सरकार से उन लोगों को रायल्टी बोनस दिया गया है, उसमें भी पैसे की मांग की जा रही है। सविता शर्मा ने कहा कि उनकी मांग है कि उत्पीड़न न किया जाए। इस संबंध में उन्होंने आला अधिकारियों को भी अपनी शिकायत दर्ज कराई है, पर सुनवाई नहीं हो रही है। इस मामले में सीएमएस डॉ. बसंत लाल का कहना है कि अस्पताल में किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं है। यहां कोई पैसा नहीं मांगा जाता। रही बात सर्वेसर्वा की तो डॉ. माथुर को अस्पताल की कुछ जिम्मेदारियां दे रखी हैं। अगर कोई शिकायत है तो लिखित में दें, उस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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