सरकार हमारी तो क्यों नहीं मिल रहा धान का लागत मूल्य?
मेले में किसानों ने अधिकारियों के सामने व्यापारियों की नीति पर उठाए सवाल
जासं, मथुरा: विधायकजी, हमारी भी सुन लो, जब सरकारी हमारी और आप हमारे तो फिर हमें मंडियों में धान का समर्थन मूल्य क्यों नहीं मिल पा रहा है। व्यापारी स्टाक कर रहे हैं और धान का निर्यात नहीं कर रहे हैं। कोई किसानों की नहीं सुन रहा है, वह परेशान हैं। बीज की सब्सिडी नहीं मिल पा रही है।
उपकृषि निदेशक कार्यालय परिसर में बुधवार को आयोजित किसान दिवस संगोष्ठी में विधायक पूरन प्रकाश किसानों के कल्याण के लिए लागू की गई केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों को गिना रहे थे, तभी किसान बच्चू ने बीच में धान के समर्थन मूल्य का मुद्दा उठाया। कहा, धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये क्विटल रहे हैं और मंडियों में 1500-1600 रुपये क्विटल बिक रहा है। व्यापारी धान का स्टाक कर रहे हैं। निर्यात नहीं होने की बात कहकर धान की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं होने दे रहे हैं। किसान को लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। किसान सामलिया ने भी बीज सब्सिडी नहीं मिलने का सवाल उठाया। उनका कहना था, कृषि विभाग से बाजरा का बीज लिया और आज तक उनके खाते में सब्सिडी नहीं आई और दूसरे के खाते में भेज दी गई है। अधिकारियों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो गए हैं। विधायक और अधिकारी किसानों को आश्वासन देकर समझाते रहे। इससे पहले कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डा. एसके मिश्रा, वाइके शर्मा, ब्रज मोहन सिंह ने किसानों को रबी की फसलों की बुवाई और उनमें आने वाले रोगों से बचाव के उपाय दिए। उपकृषि निदेशक धुरेंद्र कुमार ने कृषि विभाग की योजनाओं से अवगत कराया। कृषि रक्षा अधिकारी विभाति चतुर्वेदी ने भूमि और बीज शोधन की जानकारी किसानों को दी। सीडीओ नितिन गौड़ ने किसानों को सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए कहा और बताया, किसान खेतों में पराली नहीं जलाएं। अंत में किसानों को मिनी किट वितरित की गई। उपकृषि निदेशक शोध तेजवीर सिंह तेवतिया, कृषि अधिकारी रामतेज यादव भी मौजूद रहे।