प्रत्याशियों के लंगर बंद, पर्ची पर मिल रही रोटी
होटल-ढाबे और डीजल-पेट्रोल प्रचारकों दे रहे पर्चियां आदर्श चुनाव आचार संहिता से बचने का निकाला रास्ता
जागरण संवाददाता, मथुरा: चुनाव के खर्च पर चुनाव आयोग की पैनी निगाहें। न कोई प्रलोभन देगा और न कोई उपहार लेगा। सब कुछ पारदर्शी होगा। यही उम्मीदवार को चुनाव में करना भी है। इसका कहीं भी उल्लंघन हुआ तो आदर्श आचार संहिता का पालन न किए जाने में उम्मीदवार के संग प्रचारक और समर्थक भी फंस जाएंगे। इससे बचने का रास्ता है पर्ची। ये पर्ची होटल-ढाबे दो तो रोटी पाओ, पंप पर दो तो गाड़ी में डीजल-पेट्रोल भरवाओ।
चुनावी जनसभाओं में सुनाई देने वाला शोरगुल को कोविड-19 की तीसरी लहर ने फिलहाल थाम रखा है। एक स्थान पर न हजारों लोगों को कोई उम्मीदवार एकत्र करेगा न रैली निकाली जाएगी। सिर्फ, डोर-टू-डोर चुनावी प्रचार होगा। यही कारण है, पहले की तरफ इस बार न उम्मीदवार के साथ काफिला नजर आ रहा है और न वह बस्तियों में जाकर सभाएं कर पा रहे हैं। उम्मीदवार और उनके समर्थक अब अलग-अलग प्रचार को निकल रहे हैं। सुबह से शाम के लिए उम्मीदवारों के जो प्रचारक चुनाव प्रचार को जा रहे हैं, उनके लिए चुनाव कार्यालय पर न अब लंगर चल रहे न बांटे रहे भोजन के पैकेट। उम्मीदवारों को तो अपने प्रचारकों के भोजन-पानी का भी ख्याल रखना है। उनकी गाड़ियों के लिए डीजल-पेट्रोल का भी इंतजाम करना है। इसके साथ आदर्श आचार संहिता का पालन भी। ऐसे में उम्मीदवारों ने नया रास्ता निकाल लिया है। भोजन और डीजल-पेट्रोल की पर्चियां दी जा रही है। इसके लिए पहले से ही होटल, ढाबे और पेट्रोल पंपों से पहले ही इसको लेकर समझौता कर लिया है। कार्यकर्ता को सिर्फ पर्ची देनी है। ये पर्चियां सुबह जब प्रचार को गाड़ियां निकलती हैं, उसी को थमा दी जाती है। भोजन का मैन्यू में एक दाल, एक सब्जी और रोटियां हैं। तेल की पर्ची दूरी के हिसाब से दी जा रही है।