कान्हा की धरा पर रफ्तार नहीं भर सकी सपा की साइकिल
दमदार प्रत्याशी होने पर आया वोट बैंक में उछाल अभी तक पांचों विधानसभा में जीत नहीं सकी है सपा
नवनीत शर्मा, मथुरा : कान्हा के ब्रज में हर दल को सम्मान मिला, लेकिन सियासी गणित में यहां साइकिल कभी रफ्तार नहीं भर सकी। विधानसभा के हर चुनाव में साइकिल पंचर हो गई। आज तक एक भी सपा प्रत्याशी के सिर पर जीत का सेहरा नहीं बंध सका। हां, जब-जब दमदार प्रत्याशी रहे, तो वोटों के फीसद में उछाल आया, लेकिन जीत की दहलीज तक वह नहीं पहुंच सके।
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी में राजनीति के चक्रव्यूह को कभी साइकिल भेद नहीं पाया। ब्रजवासियों को चुनावी गणित समझाने को सपा के बड़े नेता भी आई, लेकिन वोट नहीं पा पाए। वर्ष 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने छाता विधानसभा चुनाव में पूर्व विधायक तेजपाल के पुत्र अतुल सिसौदिया को समर्थन दिया था। इस वर्ष छाता में अतुल सिसौदिया को 53,492 मत मिले, लेकिन वह साइकिल की नैया पार नहीं लगा सके। वर्ष 1996 में अतुल के पिता ठाकुर तेजपाल ने भी साइकिल की सवारी की और 32,561 मत पर ही संतोष करना पड़ा। इन दोनों चुनावों के अलावा छाता विधानसभा में सपा कभी दस हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी है। मांट विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2012 के उपचुनाव में संजय लाठर को सपा ने मैदान में उतारा था, लेकिन वह भी साइकिल को मांट के रास्ते लखनऊ तक नहीं भेज सके। उनको करीब पचास हजार मत मिले थे। मांट में सपा का यह अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है। वहीं मांट में 2012 के मुख्य चुनाव में संजय शर्मा को 1056 और वर्ष 2002 में कन्हैयालाल अग्रवाल को 908 मत पर संतोष करना पड़ा था । मथुरा विधानसभा के वर्ष 2012 के चुनाव में डा. अशोक अग्रवाल ने सपा को चौंकाने वाले मत दिलवाए। डा. अशोक को 53049 वोट मिले, लेकिन वह सपा की जीत का खाता खोलने में विफल रहे। वर्ष 2007 में मथुरा विधानसभा क्षेत्र से कृष्णकुमार शर्मा उर्फ मुन्ना भैया को 17363 मत मिले। वर्ष 2002 में मथुरा सीट पर मुकेश शर्मा को केवल 3187 मत ही प्राप्त हो सके थे। बलदेव विधानसभा क्षेत्र में भी सपा को निराशा ही मिली है। 1993 में यह क्षेत्र गोकुल विधानसभा के नाम से जाना था, उस समय सरदार सिंह मैदान में थे। सरदार सिंह ने सपा को 22145 वोट दिलवाए। वर्ष 2007 में गोकुल से भूप सिंह को केवल 4664 वोट ही मिले । गोवर्धन में भी साइकिल कभी करिश्मा नहीं दिखा सकी। गोवर्धन में वर्ष 2012 में प्रेम सिंह ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और 12506 मत प्राप्त किए। वर्ष 2007 में श्याम सिंह को केवल 6122 मत ही मिले थे।