दो फर्जी फर्मों ने साढ़े पांच करोड़ का किया टैक्स चोरी
एक का शहर में नगर निगम के पास तथा दूसरी का मेरठ में दिखाया गया है कार्यालय - दो फर्मों ने एक दर्जन से अधिक फर्मों को बेच दिया माल तलाशने से भी नहीं मिल रही फर्म
जागरण संवाददाता, मथुरा: जीएसटी को लागू करने के पीछे की मंशा टैक्स चोरी रोकना था, लेकिन आज भी जिम्मेदार टैक्स चोरी पर लगाम नहीं लगा पा रहे हैं। पहले व्यापारी ज्यादा माल को कम दिखाकर टैक्स चोरी करता था और अब बोगस फर्म से टैक्स चोरी की जा रही है। ऐसी ही दो बोगस फर्म वाणिज्यकर विभाग के अधिकारियों के हत्थे चढ़ी हैं, जिन्होंने विभाग को साढ़े पांच करोड़ रुपये के टैक्स का चूना लगा दिया है।
वाणिज्यकर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा असिस्टेंट एपी सिंह ने बताया कि दो फर्जी फर्मों में से एक का निगम कार्यालय के पास पार्थ हाइट्स में कार्यालय राधाबल्लभ टेडर्स से दिखाया है, जहां जांच करने पर एक परिवार किराए पर रहते हुए मिला। फर्म को हर्षित अग्रवाल नाम से पंजीकृत कराया गया है। फर्म स्वामी ने तीन अलग-अलग फर्मों को 5.23 करोड़ रुपये के माल की बिक्री दिखाई है। जिनकी 71.83 लाख की आइटीआसी ब्लाक की गई है।
ठीक इसी तरह से दूसरी फर्म मोतीकुंज स्थित राधिका विहार कांप्लेक्स द्वितीय तल पर प्रेम इंटेक्स के नाम से पंजीकृत है। फर्म स्वामी का नाम दिनेश कुमार मौर्या है। जिसने 16 अलग-अलग फर्मों को 23.25 करोड़ रुपये की बिटुमन की बिक्री दिखाई है। जिसकी 4.20 करोड़ की आइटीसी ब्लाक कर दी गई है। हालांकि मुख्य कार्यालय फर्म का मेरठ सेंटर एक में दिखाया गया है। दोनों ही फर्म स्वामियों ने साढ़े पांच करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। - केंद्रीय क्षेत्राधिकार में पंजीकृत हैं दोनों फर्म :
पकड़ी गई दोनों बोगस फर्म का पंजीकरण केंद्रीय क्षेत्राधिकार में हैं। जिन फर्मों को माल की बिक्री की गई है। उनकी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) को ब्लाक करा दिया गया है। जबकि अन्य फर्मों की तलाश की जा रही है।