रिफाइनरी के बीडीएफ प्लांट पर चक्का जाम
संवाद सूत्र, महुअन: रिफाइनरी बीडीएफ प्लांट के मैनेजर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्टरों और च
संवाद सूत्र, महुअन: रिफाइनरी बीडीएफ प्लांट के मैनेजर पर मनमानी का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्टरों और चालकों ने गेट पर जाम लगाकर नारेबाजी और जमकर हंगामा किया। पुलिस ने किसी तरह ट्रांसपोर्टरों और चालकों को शांत कराया।
रिफाइनरी के बीडीए़फ प्लांट से बिटुमिन की टैंकरों से ढुलाई की जाती हैं। इसके लिए गेट से पास मिलने के बाद ही टैंकर अंदर जाते हैं। चालकों का आरोप है कि गेटपास बनने में ही आधे घंटे का समय लग जाता है। टैंकरों को पार्किंग से अंदर जाने में थोड़ी देर हो जाती हैं तो सिक्योरिटी गार्ड टैंकरों को लौटा देते हैं। इस समस्या को लेकर बुधवार को सुबह से ही ट्रांसपोर्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। दोपहर डेढ़ बजे के करीब ट्रांसपोर्टर और चालकों ने प्लांट के गेट पर चक्का जाम कर दिया। प्लांट के प्रबंधक के खिलाफ नारेबाजी की और समस्या के समाधान की मांग की। जाम की सूचना पर रिफाइनरी पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने गेट पर लगे जाम को किसी तरह खुलवाया। ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि प्लांट मैनेजर मुनीम और चालकों पर तानाशाही करते हैं। बीडीए़फ प्लांट के मैनेजर वात्सल्य दीक्षित ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों और चालकों की सुविधा के लिए पहले आओ, पहले पाओ की स्कीम चला रखी है। ट्रांसपोर्टरों के मुनीम समय से गेटपास नहीं कटवाते हैं। रिफाइनरी थाना प्रभारी डॉ. विनोद कुमार पायल ने बताया कि प्लांट मैनेजर से गेट पास का समय तीस मिनट से बढ़ाकर पैतालीस मिनट करने को कहा गया है। --सिक्योरिटी गार्ड पर लगाया रुपये लेने का आरोप--
महुअन: टैंकर चालकों ने सिक्योरिटी गार्डों पर टैंकर भरने के नाम पर रुपया वसूलने का आरोप लगाया है। चालकों का कहना है कि सिक्योरिटी गार्ड प्रति टैंकर 60 रुपये वसूलते हैं। रुपया न देने पर टैंकरों को भरने के लिए नहीं जाने देते हैं। प्लांट में चालकों के लिए पेयजल, कैंटीन और शौचालय जैसी सुविधा तक नहीं है। माइनर के किनारे लगा हैडपंप भी खराब है। प्लांट में अंदर जाने के बाद भूखा-प्यासा ही रहना पड़ता है।