तीन हाईवे, मौत के 17 शॉर्टकट
मथुरा में होकर गुजर यमुना एक्सप्रेस वे दिल्ली-आगरा और पीलीभीत बरेली-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सत्रह ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं। सावधानी हटने के साथ ही ये किलर प्वाइंट बन जाते हैं। कोहरे से ²श्यता कम होने के साथ ही ये प्वाइंट और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं।
मथुरा: ये कान्हा की नगरी है, यहां सड़क पर फर्राटा भरते वाहन पलक झपकते सांसें छीन रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस वे अब मौत का एक्सप्रेस वे बन गया है, तो दिल्ली-आगरा और पीलीभीत-बरेली-भरतपुर राजमार्ग पर 17 ब्लैक स्पॉट ऐसे हैं, जहां मौत वाहन चालकों पर झपट्टा मारती है। शॉर्ट कट निकलने के फेर में यहां जिदगी फंस जाती है।
लोक निर्माण विभाग, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक यातायात की तीन सदस्यीय कमेटी ने यमुना एक्सप्रेस वे के माइल स्टोन 112, 114, 115, 117, 123 और 124 को किलर प्वॉइंट चिन्हित किया है। आए दिन यहां हादसे हो रहे हैं। वाहन सवारों की सांसें थम रही हैं। यहां घुमावदार मोड़ हैं, अचानक यहां पर वाहन मुड़ने पर अक्सर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। लेकिन इनसे बचाव के यहां इंतजाम नहीं हुए। अब बात पीलीभीत-बरेली-भरतपुर राष्ट्रीय राजमार्ग की। यहां पर किलर प्वॉइंट कम नहीं हैं। यहां पिरसुआ, सोनई रेलवे स्टेशन के समीप, मल्है पेट्रोल पंप के सामने, गौसना और गोकुल बैराज मोड़ और मकहेरा सबसे अधिक खतरनाक स्थान हैं। हादसे का कारण ये भी है कि यहां यातायात नियंत्रण को कोई व्यवस्था नहीं की गई है। सड़कों का डिजाइन भी अधिक घुमावदार है। पीलीभीत-बरेली -भरतपुर हाईवे रात को अंधेरे में डूब जाता है। पूरे हाईवे पर कहीं भी डिवाइडर नहीं हैं। अधिकांश क्षतिग्रस्त मार्ग पर वाहन हिचकोले लेते हैं। दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटवन पर वाहनों के खड़े रहने से हादसे हो रहे हैं, जबकि अकबरपुर, जैंत, अलवर पुल, नरहौली चौराहा, नवादा और फतिहाकट अधिक घातक हैं। हाईवे पर फ्लाईओवर का निर्माण हो जाने के कारण पुराने ब्लैक स्पॉट में समाप्त हो गए हैं। लेकिन ग्रिल और डिवाइडर लांघकर हाईवे क्रॉस करने के कारण हादसों की संख्या बढ़ गई है। साल-दर-साल बढ़तीं मौतें
-वर्ष-दुर्घटना-मौत-घायल
-2015-664-395-565
-2016-714-462-552
-2017-828-458-679
-2018-864-497-706
--2019-753-443-636
(पुलिस रिकार्ड के अनुसार, वर्ष 2019 के आंकड़े अक्टूबर तक हैं) --नवादा कट पर आए दिन हादसे होते हैं। चार-पांच दिन पहले ही एक कार सवार युवक को रौंदकर भाग गया था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यहां रात को रोशनी का इंतजाम नहीं है। ऐसे में आए दिन हादसे होते हैं। कट पर भी यातायात नियंत्रण के लिए व्यवस्था नहीं की गई है।
--तीरथ सिंह -हाईवे के कट से लोग जान हथेली पर रखकर निकलते हैं। सभी को जल्दी रहती है। पुल उतरते ही कट होने के कारण चंदनवन कट अधिक घातक है। कोहरे के समय यहां कट और भी खतरनाक हो जाता है। आए दिन वाहन आपस में टकरा रहे हैं और लोग की जान जा रही है।
- अनूप सिंह ब्लैक स्पॉट पर साइनेज, रिफ्लेक्टर लगवाए गए हैं, वहीं ब्रेकर भी बनवाए गए हैं। ताकि लोग सावधानी से चलें। पहले से इन स्थानों पर हादसों में कमी भी आई है।
डॉ. ब्रजेश कुमार, एसपी ट्रैफिक ।