ईसाई से फिर ¨हदू धर्म में वापस लौटे तीन परिवार
जिले के बरनाहल क्षेत्र के गांव लाखनपुर में तीन परिवारों के 13 लोग ईसाई से फिर ¨हदू धर्म में वापस लौट आए। यह सब बजरंग दल के प्रयासों से हुआ। वापसी करने वाले परिवारों की मंत्रोच्चारण के साथ शुद्धि की गई।
मैनपुरी । क्रिसमस की आड़ में धर्म परिवर्तन कराने की तैयारी कर रही मिशनरीज के मंसूबों पर बजरंग दल के कायकर्ताओं ने पानी फेर दिया। धर्म परिवर्तन कराने आए दो लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में समझा-बुझाकर दो साल पहले धर्म बदलकर ईसाई बने तीन परिवारों की घर वापसी करा दोबारा ¨हदू धर्म में वापस कराया। हवन-पूजन के बाद गंगाजल छिड़ककर तीन परिवारों के सभी 13 सदस्यों का शुद्धिकरण करा उन्हें जनेऊ धारण कराया गया। मंत्रोच्चार के साथ घरों को भी शुद्ध कर वहां देवी-देवताओं के चित्र रखवाए गए।
बरनाहल थाना क्षेत्र के गांव लाखनमऊ में देशराज के घर पर शुक्रवार की रात क्रिसमस पूजा का आयोजन किया गया था। यहां कन्नौज से आए एक पादरी द्वारा दो ईसाईयों की मदद से गांव के कुछ लोगों को धर्म परिवर्तन कराने की तैयारी की जा रही थी। सूचना पर पहुंचे बजरंग दल और विहिप कार्यकर्ताओं ने मिशन को फेल कर धर्म परिवर्तन कराने वाले लोगों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद पता चला कि गांव निवासी रेखा पत्नी जयवीर, मूला देवी पत्नी श्याम ¨सह और देशराज पुत्र महावीर ने मिशनरी के अनुयायियों के बहकावे में आकर दो साल पहले ¨हदू धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था। तीनों परिवारों के मुखिया ने अपने बच्चों को भी ¨हदू धर्म की बजाय ईसाई धर्म के अनुसार ही रहन-सहन करने के लिए प्रेरित किया और उनकी आदतों में बदलाव ला दिया।
शनिवार को जिला संयोजक बजरंग दल सुशील यादव की अगुवाई में गांव पहुंचे राहुल चंदेल, पवन शाक्य, लकी मिश्रा, विहिप जिला संयोजक डॉ. सौरभ मिश्रा, गौरव दयाल और खंड संघचालक प्रभु दयाल ने अपनी मौजूदगी में तीनों परिवारों के सदस्यों की शुद्धिकरण का कार्य प्रारंभ कराया। विधि-विधान हवन में आहुतियां देकर सभी का गंगाजल से शुद्धिकरण कराया गया। जनेऊ धारण करा उन्हें भगवत गीता भेंट की गई। घरों में भी देवी-देवताओं के पोस्टर लगाए गए। तीन लोगों को मिला था ईसाई बनाने का ठेका
धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने बताया कि कुसमरा क्षेत्र के गांव नगला भक्ति निवासी सुभाष मसीह और राजीव मसीह के अलावा कन्नौजी जिला के सौंरिख थाना के गांव हसेरन निवासी अशोक मसीह द्वारा ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया था। दो साल पहले इन्हीं तीनों ने एक पादरी की मौजूदगी में धर्म परिवर्तन करा बाइबिल स्थापित कराई थी।