दीपावली पर उठा पराली का धुआं ब्रज के ऊपर मंडराया
दीपावली पर्व पर जब लोग पटाखे फोड़ कर खुशियां मना रहे थे तब खेतों से जलाई जा रही पराली का धुआं गुबार बन करके आसमां में मंडराने लगा था। किसानों ने धान की कटाई के बाद पराली में आग लगा दी। सेटेलाइट से कृषि विभाग को 213 स्थानों पर पराली जलाए जाने की लोकेशन मिली। लोकेशन मिलने पर अधिकारी एक खेत से दूसरे खेत पर इसकी तस्दीक करने के लिए पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए। किसानों ने पराली जला दी। अब 150 किसानों से जुर्माना वसूलने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
जागरण संवाददाता, मथुरा: दीपावली पर्व पर जब लोग पटाखे फोड़ कर खुशियां मना रहे थे, तब खेतों से जलाई जा रही पराली का धुआं गुबार बन करके आसमां में मंडराने लगा था। किसानों ने धान की कटाई के बाद पराली में आग लगा दी। सेटेलाइट से कृषि विभाग को 213 स्थानों पर पराली जलाए जाने की लोकेशन मिली। लोकेशन मिलने पर अधिकारी एक खेत से दूसरे खेत पर इसकी तस्दीक करने के लिए पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए। किसानों ने पराली जला दी। अब 150 किसानों से जुर्माना वसूलने के लिए नोटिस जारी किया गया है।
पराली को जलाए जाने की घटना को अपराध की श्रेणी में शामिल किए जाने के बाद भी किसान पराली का प्रबंधन न कर उसमें आग लग रहे हैं। दीपावली से पहले 87 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं प्रकाश में आई थीं, लेकिन दीपावली के दिन से लेकर आज तक पराली जलाने का आंकड़ा 213 पर पहुंच गया। तीन दिन में 127 स्थानों पर पराली जलाई गई। पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए एडीएम प्रशासन विजय शंकर दुबे, जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह, और भूमि संरक्षण संतराम समेत अन्य विभागों के अधिकारी अपनी-अपनी टीमों के साथ खेतों की तरफ दौड़ लगा रहे हैं। एसडीएम भी राजस्वकर्मियों के साथ पराली जलाने वाले किसानों के खेतों का पता कर उनको चिन्हित करने में जुट गए। सर्वाधिक 140 स्थानों पर पराली छाता तहसील में जलाई गई। 150 किसानों को अब तक चिन्हित किया जा चुका है। उनसे जुर्माना वसूलने के लिए नोटिस भी जारी किए जाने की कार्रवाई शुरू कर दी। जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह ने जलती पराली बुझाने के लिए आसपास कार्य करने वाले किसानों की भी मदद ली। पराली जलाने की घटनाओं ने अधिकारियों का सुकून छीन रखा है। ग्रामीण स्तर पर लगाए कर्मचारियों से उनके उच्चाधिकारी स्पष्टीकरण मांगा रहे हैं। जिला कृषि अधिकारी ने बताया, अब तक 213 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं घटित हुई है।